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जानिए S-400 रक्षा प्रणाली की अहम बातें और भारत के लिए क्यों है जरूरी?

आखिर अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत के लिए एस 400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदा क्यों जरूरी है आज हम आपको विस्तार में बताते है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 05, 2018 17:36 IST
S-400 डिफेंस सौदा, पाकिस्तान, चीन, ब्रह्मास्त्र, रूस, नरेंद्र मोदी, पुतिन- India TV Hindi
Image Source : PTI S-400 डिफेंस सौदा: पाकिस्तान और चीन का होगा इंतजाम, भारत ने रूस से खरीदा 'ब्रह्मास्त्र'

नई दिल्ली: भारत और रूस ने शुक्रवार को 5 अरब डॉलर (यानी 40,000 करोड़ रुपए) के एस 400 वायु प्रतिरक्षा प्रणाली सौदे पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा के बाद इस सौदे पर हस्ताक्षर किए। इस सौदे पर दुनिया भर के देशों की नजरें थी। अमेरिका ने इस सौदे से पहले भारत को आगाह किया था कि अगर वह रूस के साथ खरीद फरोख्त के समझौते की दिशा में आगे बढता है तो वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है। आखिर अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत के लिए यह सौदा क्यों जरूरी है आज हम आपको विस्तार में बताते है।

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क्या है एस 400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली

एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को जमीन से हवा में मार करने वाला दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार माना जाता है। एस-400 एयरक्राफ्ट, क्रूज मिसाइल और परमाणु मिसाइल को 400 किलोमीटर पहले ही नष्ट करने की क्षमता रखता है। यह एक ही राउंड में 36 वार करने में सक्षम है। इसमें तीन प्रमुख चीजें मिसाइल लॉन्चर, शक्तिशाली रडार और कमांड सेंटर लगी है। इसके अलावा यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट को आसमान से आसानी से गिरा सकता है। यह रूस के एस-300 का एडवांस रुप है, जिसे अल्माज-आंते ने तैयार किया है।

S-400 प्रणाली 2015 से चीन के पास

पाकिस्तान के पास अपग्रेडेड एफ-16 से लैस 20 फाइटर स्क्वैड्रन्स हैं। इसके अलावा उसके पास चीन से मिले जे-17 भी बड़ी संख्या में हैं। चीन ने 2015 में सबसे पहले रूस से एस-400 रक्षा प्रणाली खरीदी थी और इस साल जनवरी से ये चीनी सेना में शामिल है। अब भारत के पास एस 400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली आने से चीन को कड़ी टक्कर मिलेगी।

क्यों है भारत को इसकी जरूरत

भारत में वायु रक्षा प्रणाली अन्य देशों की तुलना में पुरानी है जिनमें ज्यादातर सोवियत युग के मिग जेट हैं। यह सबसे एडवांस और सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली है जो अमेरिका के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान एफ-35 को भी समय रहते गिराने की क्षमता रखती है। भारत को पड़ोसी देशों के खतरे से निपटने के लिए इसकी खासी जरूरत है। 

भारतीय सेना की बढ़ेगी शक्ति

सेना में परमाणु पनडुब्बी आइएनएन चक्र, सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, मिग और सुखोई लड़ाकू विमान, आइएल परिवहन विमान, टी-72 और टी-90 टैंक व विक्रमादित्य विमान वाहक युद्धपोत शामिल हैं। अब एस-400 मिसाइल खरीदने के बाद भारत की सैन्य शक्ति बढ़ेगी और न सिर्फ एशिया बल्कि महाद्वीपीय देशों के बीच मजबूत दावेदारी हासिल करेगा।

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