नयी दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन अगले महीने भारत आ सकते हैं जहां उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने की उम्मीद है। इसमें रक्षा, सुरक्षा सहित दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर व्यापक चर्चा होने की संभावना है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सुत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष दिसंबर के दूसरे सप्ताह में इस यात्रा को लेकर बातचीत कर रहे हैं। समझा जाता है कि रूस अगले महीने के मध्य तक भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप की आपूर्ति करेगा।
शिखर बैठक से पूर्व दोनों पक्ष, टू प्लस टू, विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर की मास्को में उद्घाटन वार्ता कर सकते हैं जिससे दोनों देशों के विशिष्ठ एवं विशेष सामरिक गठजोड़ के सम्पूर्ण आयामों को गति मिलने की उम्मीद है। समझा जाता है कि दोनों पक्ष रक्षा, कारोबार और निवेश एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई समझौते भी कर सकते हैं। शिखर बैठक में सैन्य तकनीकी सहयोग के नवीन ढांचे को कार्यरूप दिया जा सकता है, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त आयोग की घोषणा की जायेगी।
गौरतलब है कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने अप्रैल में भारत की यात्रा की थी जिसका मकसद वार्षिक भारत रूस शिखर बैठक के लिये आधार तैयार करना था। पिछले वर्ष कोविड महामारी के कारण वार्षिक रूस भारत शिखर बैठक स्थगित कर दी गई थी। दोनों देशों के बीच अब तक 20 वार्षिक शिखर बैठक आयोजित की जा चुकी हैं।
रूस, भारत का समय की कसौटी पर खरा उतरा सहयोगी और नयी दिल्ली की विदेश नीति का महत्वपूर्ण स्तंभ है। समझा जाता है कि शिखर बैठक में अफगानिस्तान से जुड़े घटनाक्रम सहित क्षेत्रीय मुद्दों की भी समीक्षा की जायेगी। एस-400 सौदे को लेकर घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष इसके लिये प्रतिबद्ध हैं।