नई दिल्ली: भारत ने इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) द्वारा जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को गुरुवार को कड़ाई से खारिज किया। साथ ही भारत ने मुस्लिम देशों के संगठन से कहा कि उसे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए। भारत ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में OIC को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने की दूसरी वर्षगांठ पर इस्लामी सहयोग संगठन के महासचिवालय द्वारा जारी बयान पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी टिप्पिणयां की हैं।
‘जम्मू कश्मीर के मामले पर OIC को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर OIC के महासचिवालय द्वारा जारी एक ओर अस्वीकार्य संदर्भ को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।’ वह OIC के बयान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। बागची ने कहा, ‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से संबंधित मामलों में OIC को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं हैं जो भारत का अभिन्न अंग है। यह दोहराया जाता है कि OIC महासचिवालय को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणियों के लिए निहित स्वार्थों को अपने मंच का फायदा उठाने की अनुमति देने से बचना चाहिए।’
5 अगस्त को रद्द हो गया था जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा
केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य के दर्जे को 5 अगस्त 2019 को रद्द कर दिया था और राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख, में बांट दिया था। एक बयान में महासचिवालय ने ‘इन सभी कदमों रद्द करने की मांग की है।’ ओआईसी महासचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से फिर से आह्वान किया है कि ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों’ के मुताबिक जम्मू कश्मीर के मुद्दे को हल करने के लिए उसके प्रयासों को तेज किया जाए। बता दें कि OIC मुस्लिम बहुल राष्ट्रों का समूह है।