नयी दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की विडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए हुई बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर लताड़ा। विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया कोरोना से लड़ रही है और कुछ लोग आतंकवाद जैसे घातक वायरस फैलाने में व्यस्त हैं। फेक न्यूज़ और डॉक्टर्ड वीडियो का इस्तेमाल समुदाय और देश को बांटने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिये एससीओ की ओर से सामूहिक कार्रवाई की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के समक्ष पेश आने वाली सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है।
एससीओ चीन के प्रभाव वाला समूह है जो राजनीतिक एवं सुरक्षा से जुड़े मुद्दों से संबंधित है। इस बैठक की अध्यक्षता रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव ने की और इसमें चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी सहित एससीओ के सभी सदस्यों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में अफगानिस्तान की उभरती स्थिति पर व्यापक चर्चा की गई।
इसमें कहा गया है कि शांति वार्ता अफगानिस्तान के लोगों की आकांक्षाओं और पड़ासी देशों के हितों के अनुरूप आगे बढ़नी चाहिए। विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां केवल भौतिक या राजनीतिक सीमाओं तक सीमित नहीं है और आतंकवाद से एससीओ क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को बड़ा खतरा बना हुआ है।
इस दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि आतंकवाद का आरोप लगाकर किसी एक देश को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए, यही नहीं कुरैशी ने बिना नाम लिए एक बार फिर भारत में मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव का आरोप लगाने कि कोशिश की, मगर विदेश मंत्री जयशंकर ने कुरैशी को दो टूक जवाब दे दिया।
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिये सामूहिक कार्रवाई की जरूरत है। सम्मेलन में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थिति और इस महामारी के कारण कारोबार तथा आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों से निपटने में एससीओ देशों के बीच समन्वय के संभावित क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई।