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भारत, पाकिस्तान को सदस्यता देने के साथ एससीओ का नया युग शुरू

भारत तथा पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्यता प्रदान करने के साथ ही शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) अपने इतिहास के एक नए चरण में प्रवेश कर गया।

IANS
Published on: June 09, 2017 23:29 IST
SCO- India TV Hindi
Image Source : PTI SCO

अस्ताना: भारत तथा पाकिस्तान को पूर्णकालिक सदस्यता प्रदान करने के साथ ही शुक्रवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) अपने इतिहास के एक नए चरण में प्रवेश कर गया। समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान तथा तजाकिस्तान द्वारा साल 2001 में स्थापना के बाद इस संगठन में पहली बार दक्षिण एशिया के देश शामिल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को कहा कि अपने मतभेदों को दूर करने के लिए भारत तथा पकिस्तान के पास अब एक नया मंच है।

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव ने कहा कि दो नए सदस्यों के शमिल होने से संगठन के विकास को नई गति मिली है और इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रासंगिकता को और बढ़ावा मिलेगा। नए आवेदन के लिए एससीओ ने अपने द्वार खोल रखे हैं और अगले उम्मीदवार के रूप में ईरान पर विचार किया जाएगा, जिसका रूस समर्थन करता है, जबकि संगठन के कुछ सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पक्के मित्र नजरबायेव ने कहा कि नए सदस्यों को शामिल करना संगठन के लिए जरूरी है, हालांकि उन्होंने किसी खास देश का नाम नहीं लिया। ईरान की ही तरह अफगानिस्तान भी अब संगठन में प्रेक्षक की भूमिका में आ गया है और अंदरूनी संघर्षो से निजात पाने के बाद यह संगठन में शामिल हो सकता है। पुतिन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अफगान संघर्ष का सैन्य समाधान संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस तथा एससीओ के अन्य सदस्य एक ऐसे राजनीतिक समाधान का समर्थन करते हैं, जो अफगान सरकार तथा तालिबान विद्रोहियों के बीच समझौते पर आधारित हो।

उन्होंने कहा कि एससीओ को संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना चाहिए, ताकि अफगानिस्तान से ड्रग्स की तस्करी पर लगाम लग सके। वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतंकवाद तथा ड्रग्स की तस्करी से निपटने के लिए एससीओ की रणनीति का समर्थन किया और कहा कि अफगानिस्तान से आतंकवादियों की मौजूदगी को जड़ से मिटाना संभव है।

अस्ताना के अंतिम घोषणापत्र के अलावा, एससीओ के नेताओं ने 10 अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें कट्टरवाद से निपटने के लिए एक सम्मेलन तथा अंतर्राष्ट्रीयआतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए एक घोषणा पत्र शामिल है। आतंकवादी खतरों की ओर इशारा करते हुए पुतिन ने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकवादी संगठन की नजर मध्य एशियाई देशों तथा दक्षिणी रूस में अपनी पैठ बनाने पर है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एससीओ में भारत के शामिल होने से क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को नई गति मिलेगी। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि संगठन की आतंकवाद-रोधी पहल पाकिस्तान की सुरक्षा में सुधार करने में मददगार साबित होगी। अस्ताना शिखर सम्मेलन के बाद रोटेटिंग पद्धति के तहत एससीओ की अध्यक्षता चीन करेगा और साल 2018 में होने वाली अगले बैठक की मेजबानी करेगा। 

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