नई दिल्ली: भारतीय सेना ने मिलिट्री पुलिस में सिर्फ भारतीय गोरखा महिलाओं के लिए रिक्तियां खोली हैं न कि सभी नेपाली महिलाओं के लिए। सेना की ओर से इस संबंध में सुधार के साथ नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इससे पहले जारी नोटिफिकेशन से लोगों में यह भ्रम था कि सभी नेपाली महिलाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती का अवसर है। अब सेना की ओर से यह कहा गया है कि केवल भारतीय गोरखा महिलाओं के लिए नियुक्तियां खुली हैं। सेना का कहना है कि वह युवाओं के लिए दायरा बढ़ाने के लिए पुरुष और महिला दोनों तरह के गोरखा युवाओं की भर्ती जारी रखना चाहती है। इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हो चुका है और भारतीय गोरखा महिलाओं को ऑनलाइन अपना आवेदन जमा करने को कहा है। इस बहाली के लिए मानदंड निर्धारित किया गया है, लेकिन भारतीय सेना में सेवा के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को कुछ छूट भी दी गई है।
मिलिट्री पुलिस के लिए जो अहर्ता निर्धारित की गई है उसके मुताबिक जिन्होंने 10 वीं की परीक्षा पास की है और आयु 16 से 21 वर्ष के बीच है और जिनकी लंबाई 152 सेमी से अधिक है, वे आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 20 जुलाई है। नोटिस के अनुसार, वीर नारी के रूप में वर्गीकृत लोग 30 साल तक आवेदन करने के पात्र हैं। मानदंड को पूरा करने वालों को आगे की चयन प्रक्रिया के लिए अंबल, लखनऊ, जबलपुर, पुणे, बेलगाम और शिलांग में जाना होगा। भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के बच्चों और ड्यूटी के दौरान शहीद सैनिकों के बच्चों को लिखित परीक्षा में 20 नंबर का ग्रेस मार्क मिलेगा।
नेपाल और भारत के बीच संधि के अनुसार भारतीय सेना में एक अलग गोरखा रेजिमेंट है और लाखों से अधिक नेपाली नागरिक भारतीय सेना में विभिन्न पदों पर सेवा कर चुके हैं और यहां से रिटायर भी हो चुके हैं। 1816 में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के दौरान नेपाली युवाओं की भर्ती शुरू हुई। मौजूदा समय में 3200 से ज्यादा नेपाली नागरिक भारतीय सेना की सात गोरखा राइफल रेजिमेंट (पहली, तीसरी, चौथी, 5वीं, 8वीं, 9वीं और 1वीं) में सेवारत हैं, जिनमें से प्रत्येक में पांच से छह बटालियन (प्रत्येक बटालियन में लगभग 800 सैनिक) हैं। )1947 में आजादी के बाद दूसरी, छठी, सातवीं और दसवीं रेजिमेंट ब्रिटिश सेना में चली गई। इन्हें अब एक गोरखा रेजिमेंट में मिला दिया गया है। वर्तमान में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद लाखों से अधिक पूर्व सैनिक पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।