पटना. बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी देश नेपाल द्वारा लगाए गए अवरोधकों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर तटबंधों के मरम्मत कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। झा ने कहा, “गंडक बैराज में कुल 36 फाटक हैं, जिनमें से आधे हमारे किनारे पर हैं। हमारे अभियंताओं और उनके सहायकों द्वारा इनकी मरम्मत पूरी कर ली गई है। शेष 18 फाटकों का रखरखाव भी हमारे द्वारा किया जाता है। इन फाटकों के लिए दूसरी तरफ जाने की अभियंता और उनके सहायकों ने कोशिश की, तो वहां बैरिकेड लगे पाये।’’
मंत्री ने कहा कि इससे बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए "कोई तात्कालिक खतरा" नहीं, पर सभी 36 फाटकों के लिए काम पूरा हो जाना जरूरी था क्योंकि राज्य नीचे की ओर स्थित है और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी जल-जमाव के कारण तटबंध प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मामले में हस्तक्षेप के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने जा रहा हूं। लाल बकेया नदी पर 500 मीटर लंबे तटबंध तक भी नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। नेपाली अधिकारियों का मानना है कि यह नोमैंस लैंड में पड़ता है पर यह (मड स्ट्रक्चर) संरचना तीन दशकों से है।’’
झा ने कहा कि बिहार के अधिकारियों को इसी प्रकार से कमला नदी तटबंध की मरम्मत का काम पूरा करने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन सभी के कारण तुरंत समस्या नहीं होगी लेकिन बाढ़ की चपेट में आने की आशंका चार महीने तक बनी रहेगी। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो राज्य को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा, “हमारे संबंधित जिलाधिकारी नेपाल में अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि गतिरोध को सौहार्दपूर्वक हल किया जा सके।’’
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दोनों ओर से सीमा पर बैरिकेड्स लगा दिए गए थे। मंत्री ने कहा, ‘‘नेपाल के कई हिस्सों में हालांकि अभी भी लॉकडाउन जारी है पर हमें नहीं पता कि लंबे समय से चल रहे हमारे मरम्मत कार्यों के बारे में उन्होंने समस्या क्यों उठाई हैं।’’