संयुक्त राष्ट्र: आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि भारत में तीव्र दर से बढ़ती शहरी आबादी की जरूरतों की पूर्ति के लिए हर साल 70 से 90 करोड़ वर्ग मीटर शहरी क्षेत्र बनाने की जरूरत है। यह हर साल शिकागो शहर बसाने जैसा कार्य है। हरदीप पुरी के अनुसार, भारत की शहरी आबादी 2030 तक 60 करोड़ हो जाएगी। उन्होंने बुधवार को यहां स्थायी विकास के मामले में उच्चस्तरीय राजनीति मंच को बताया, "भारत के शहरी एजेंडा में 21वीं सदी की परियोजनाएं निर्धारक होंगी।" भारत के कार्यो की अहमियत दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्य हर साल एक शिकागो शहर बसाने जैसा है। शिकागो अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा शहर है।
पुरी ने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत की आबादी में शहरी आबादी का हिस्सा 40 फीसदी हो जाएगा, जोकि अभी 30 फीसदी है और आजादी के समय 17 फीसदी था। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी शहरी आबादी के लिए 70 फीसदी शहरी बुनियादी ढांचा बनाने की जरूरत है, जोकि हरित और लचीला होना चाहिए। उन्होंने कहा, "भारत शहरी बुनियादी ढांचों को मजबूत करने के लिए 100 स्मार्ट सिटी बनाने की प्रक्रिया में है जिनके लिए स्मार्ट सॉल्यूशन का अनुप्रयोग करते हुए नागरिकों को बेहतर गुणवत्ता का जीवन प्रदान किया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि सबको आवासीय सुविधा प्रदान करने की चुनौती को पूरा करने के लिए भारत ने गरीबों के लिए दुनिया का सबसे बड़ा आवासी कार्यक्रम- प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू किया है। उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने 2022 तक भारत के शहरी निवासियों के लिए 1.1 करोड़ सस्ते घर बनाने का लक्ष्य रखा है। हमने पहले ही 50 लाख से ज्यादा घरों को मंजूरी प्रदान की है और इस लक्ष्य को 2019 के मध्य तक पूरा करने को लेकर हम आशावान हैं।"
पुरी संयुक्त राष्ट्र पर्यावास की शासकीय परिषद के अध्यक्ष भी हैं। जिसपर टिकाउ शहरी निवास और सबके लिए आवास बनाने के कार्यक्रम का संचालन करने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "आज विकासशील देशों में दुनिया का 90 फीसदी से ज्यादा शहरी विकास हो रहा है। वर्ष 2018 और 2050 के दौरान दुनिया की शहरी आबादी में 35 फीसदी विकास भारत, चीन और नाईजीरिया में होगा।" (IANS)