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'उभरते चीन को रोकने के इच्छुक अमेरिका के लिए भारत से महत्वपूर्ण कोई और देश नहीं'

रिपोर्ट में सबसे खराब और सबसे अच्छे परिदृश्यों पर गौर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक परिदृश्य यह है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो और दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबारी संबंध मजबूत हों। ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था पूर्व दिशा की ओर स्थानांतरित हो जाएगी और अमेरिका इस बारे में कुछ खास नहीं कर पाएगा।

Written by: Bhasha
Published : April 13, 2021 9:45 IST
India is most important country in the world for America to stop China says American Think Tank 'उभर
Image Source : PTI 'उभरते चीन को रोकने के इच्छुक अमेरिका के लिए भारत से महत्वपूर्ण कोई और देश नहीं'

वाशिंगटन. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति संबंधी मुख्य अमेरिकी थिंक टैंक का कहना है कि अमेरिका उभरते चीन को रोकना चाहता है और ऐसे में उसके लिए भारत के महत्वपूर्ण कोई अन्य देश नहीं है, जिसके पास अत्यंत दक्ष तकनीकी पेशेवर हैं और जिसके अमेरिका के साथ मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। थिंक टैंक ‘इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन’ (आईटीआईएफ) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह कहा।

उसने अमेरिका को भारत पर ‘‘अत्यधिक निर्भर’’ होने को लेकर सचेत करते हुए यह भी कहा कि यदि दोनों देशों के बीच बौद्धिक सम्पदा, डेटा संचालन, शुल्क, कर, स्थानीय विषय वस्तु की आवश्यकताएं या व्यक्तिगत निजता जैसे मामलों पर बड़े मतभेद पैदा होते हैं, तो आईसी सेवा प्रदाता भारत रणनीतिक समस्या बन सकता है।

रिपोर्ट में सबसे खराब और सबसे अच्छे परिदृश्यों पर गौर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक परिदृश्य यह है कि भारत और चीन के बीच तनाव कम हो और दोनों पड़ोसी देशों के बीच कारोबारी संबंध मजबूत हों। ऐसी स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था पूर्व दिशा की ओर स्थानांतरित हो जाएगी और अमेरिका इस बारे में कुछ खास नहीं कर पाएगा।

रिपोर्ट के अनुसार, दूसरा परिदृश्य यह है कि चीन के कारण आर्थिक, सैन्य और अंतरराष्ट्रीय संबंध से जुड़ी चुनौतियां बढ़ने के बीच भारत और अमेरिका के हित समान हों। ऐसी स्थिति में अधिकतर विकसित देशों में लोकतांत्रिक नियम कायम रहेंगे, क्योंकि विकासशील देश ‘बीजिंग मॉडल’ के बजाए ‘दिल्ली मॉडल’ को देखेंगे।

थिंक टैंक ने कहा, "अमेरिका उभरते चीन को रोकना चाहता है और ऐसे में, भारत से महत्वपूर्ण कोई अन्य देश नहीं है, जिसका आकार बहुत बड़ा है, जिसके पास अत्यधिक कुशल तकनीकी पेशेवर हैं और जिसके अमेरिका के साथ मजबूत राजनीतिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं।"

आईटीआईएफ के सदस्य एवं रिपोर्ट के सह लेखक डेविड मोशेला ने कहा कि जो ताकतें अमेरिका और चीन के बीच मतभेद बढ़ा रही हैं, वही ताकतें अमेरिका और भारत को निकट ला रही हैं। उन्होंने कहा, "अमेरिका, भारत और चीन के संबंध आगामी कई वर्षों तक वैश्विक प्रतिद्वंद्वता और डिजिटल नवोन्मेष को आकार देंगे। व्यापक संभावित परिदृश्य होने के बीच दो बातें स्पष्ट हैं: चीन से मुकाबला करने और उस पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत को अमेरिकी प्रयासों का अहम हिस्सा होना चाहिए और इससे अमेरिका की वैश्विक निर्भरताएं विनिर्माण से लेकर सेवा क्षेत्र तक अवश्य बढ़ जाएंगी।"

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अनुसंधान एवं विकास, नवोन्मेष केंद्रों, मशीनों संबंधी जानकारी, विश्लेषण, उत्पाद के डिजाइन एवं जांच और आईटी एवं जीव विज्ञान समेत विभिन्न क्षेत्रों में अहम प्रगति कर रहा है।

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