लंदन। वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक, 2018 में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। एक भ्रष्टाचार-निरोधक संगठन द्वारा जारी वार्षिक सूचकांक के मुताबिक इस सूची में चीन काफी पीछे छूट गया है। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल ने 2018 के अपने भ्रष्टाचार सूचकांक में कहा है कि दुनियाभर के 180 देशों की सूची में भारत तीन स्थान के सुधार के साथ 78वें पायदान पर पहुंच गया है। वहीं इस सूचकांक में चीन 87वें और पाकिस्तान 117वें स्थान पर हैं।
वैश्विक संगठन ने कहा है, “आगामी चुनावों से पहले भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में मामूली लेकिन उल्लेखनीय सुधार हुआ है। 2017 में भारत को 40 अंक प्राप्त हुए थे जो 2018 में 41 हो गए।” 2015 के दौरान भारत को 38 अंक दिए गए थे और इस सूची में भारत काफी नीचे था। इस सूची में 88 और 87 अंक के साथ डेनमार्क और न्यूजीलैंड पहले दो स्थान पर रहे, वहीं 85 अंकों के साथ फिनलैंड, स्विटजरलैंड, सिंगापुर और स्वीडन संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। सोमालिया, सीरिया एवं दक्षिण सूडान को सबसे भ्रंष्ट्र माना गया है और इनको क्रमश: 10,13 और 13 अंकों के साथ सबसे निचले पायदानों पर रखा गया है।
वैश्विक भ्रष्टाचार सूचकांक, 2018 में करीब दो तिहाई से अधिक देशों को 50 से कम अंक प्राप्त हुए। हालांकि देशों का औसत प्राप्तांक 43 रहा। रपट में कहा गया है कि 71 अंक के साथ अमेरिका चार पायदान फिसला है। वर्ष 2011 के बाद यह पहला मौका है जब भ्रष्टाचार सूचकांक में अमेरिका शीर्ष 20 देशों में शामिल नहीं है।