दुर्घटना में होने वाली मौतों को रोकने के लिए नेशनल हाईवे पर स्थापित सरकारी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर खोले जा रहे हैं। इस संबंध में 2020 तक देशभर में 30 और ट्रामा सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है। मौजूदा समय में 201 विभिन्न स्तर के ट्रामा सेंटर देश में स्थापित किए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इसकी जानकारी दी।
अश्विनी चौबे ने कहा कि दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है। कई ठोस कदम उठाए गए हैं जिससे कि इमरजेंसी में किसी भी नागरिक को बेहतर और त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। WHO के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में दुर्घटना में जो मौतें होती हैं, वे ज्यादातर 15 से 49 आयु वर्ग के लोगों की होती है।
उन्होंने कहा कि इसी चुनौती से निपटने के लिए भारत सरकार ने एक केंद्रीय योजना बनाई है। जिसके तहत नेशनल हाईवे पर स्थापित सरकारी अस्पतालों में ट्रामा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 201 विभिन्न स्तर के ट्रामा सेंटर देश में स्थापित किए गए हैं, जबकि 30 और ट्रामा सेंटर 2020 तक देश भर में स्थापित करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल डिपार्टमेंट खोले जाएंगे। इसके फलस्वरूप इन योजनाओं और एंबुलेंस सेवाओं के माध्यम से इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना प्रारंभ हो जाएगा।
ये सभी बातें अश्विनी चौबे ने बेंगलुरु में भारतीय इमरजेंसी मेडिसिन सोसायटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से अपनी कई केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री चौबे ने आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए कहा कि ये एक वरदान के समान है, जो बड़ी संख्या में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई लाभकारी योजनाएं जनता के लिए शुरू की गई हैं। इसका लाभ बड़ी संख्या में देशवासी उठा रहे हैं उन्होंने सभी का आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार के स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं के प्रचार-प्रसार में भी अहम भूमिका निभाएं।