नई दिल्ली: भारत करतारपुर वार्ता में बड़ी उम्मीदों के साथ शामिल हो रहा है। इस बात पर चर्चा होनी है कि कौन लोग कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें श्रद्धालुओं के आने जाने और वीजे के इंतजाम को लेकर चर्चा होनी है। सूत्रों के मुताबिक भारत की तरफ करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। यह गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले ही बनकर तैयार हो जाएगा।
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के विशेषज्ञ करतारपुर कॉरिडोर के स्वरूप को अंतिम रूप देने के लिए मसौदा समझौता पर चर्चा करने को लेकर रविवार को वाघा सीमा पर बैठक करेंगे। दोनों देश इस संबंध में तकनीकी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगा।
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि भारत करतारपुर साहिब गलियारा परियोजना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और तेजी से इसका काम पूरा करना चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने सप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘‘ हम इस परियोजना को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और इसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार लोगों और करतारपुर साहिब के तीर्थयात्रियों की भावना से परिचित है।
कुमार ने कहा कि आर्ट पैसेंजर टर्मिनल और चार लेन वाला वह राजमार्ग जो करतारपुर गलियारे के जीरो प्वाइंट को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ेगा, उसका निर्माण समय पर पूरा हो जाएगा। वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से 14 जुलाई को बैठक आयोजित होगी। उन्होंने कहा कि वार्ता की इच्छा मूल रूप से इस बात पर आधारित है कि इसको लेकर जो कुछ भी मतभेद है, उस पर पाकिस्तान के साथ बातचीत की जाए।