नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से व्यापक मुद्दों पर बातचीत के बाद शुक्रवार को कहा कि भारत और जर्मनी ने आतंकवाद तथा चरमपंथ के खतरों से निपटने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री मोदी और मर्केल ने शुकवार को पांचवे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता की। इसके बाद भारत और जर्मनी ने पांच ज्वाइंट डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट पर दस्तखत किए।
भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर दस्तखत हुए। बैठक के बाद मीडिया के लिए बयान जारी किया गया। इसमें मोदी ने कहा कि हमने 2022 तक नया भारत बनाने का संकल्प लिया है और इसमें जर्मनी जैसी प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता और आर्थिक शक्तियां बेहद उपयोगी होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने के लिये हमने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।’’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार में तेजी लाने के लिये भारत और जर्मनी लगातार सहयोग करते रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिये आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ई-मोबिलिटी, स्मार्ट शहर, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है।’’ चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर इस बात का सबूत हैं कि नयी और उन्नत प्रौद्योगिकी की दिशा में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना महत्वपूर्ण है। मर्केल ने कहा कि हमें उन बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं से जुड़कर खुशी होगी जिनकी भारत परिकल्पना कर रहा है।