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160 किलोमीटर दूर से बिना दिखे 5500 किलोमीटर/घंटा से ज्यादा की रफ्तार से दुश्‍मन पर हमला करेगी ये भारतीय मिसाइल

पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 15, 2021 19:54 IST
चीन-पाकिस्तान के विमानों को हवा में बिना दिखे मार गिराएगी ये घातक भारतीय मिसाइल
Image Source : DRDO.GOV.IN चीन-पाकिस्तान के विमानों को हवा में बिना दिखे मार गिराएगी ये घातक भारतीय मिसाइल

नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान से निपटने के लिए भारत एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी। भारतीय वायुसेना जल्द ही हवा से हवा में 160 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों को मार गिराने की क्षमता वाली बेयॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (Beyond Visual Range Air-to-Air Missile ASTRA) अस्त्र मार्क-2 (Astra Mark 2 Missile) का परीक्षण करेगी। इसकी रेंज, गति दुश्मन को संभलने का मौका न देना है।  

हवाई युद्ध के मामले में पाकिस्तान-चीन से आगे निकल जाएगा भारत 

अस्त्र मार्क-2 की बढ़ाई गई रेंज के बाद हवाई युद्ध में भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा। इस घातक मिसाइल के साथ ही भारत हवाई युद्ध के मामले में पाकिस्तान और चीन से आगे निकल जाएगा। लंबी दूरी की मारक क्षमता से लैस अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल (Astra Mark 2 Missile) विजिबल रेंज से बाहर भी दुश्मनों के विमान को निशाना बनाने में सक्षम होगी। अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल की खासियत इसकी तेजी है। यह 4.5 मैक यानि 5556.2 किलोमीटर की गति से हमला कर सकती है। यानि 1 सेकेंड में 1.54 किलोमीटर अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल की स्पीड है। 

2022 तक होगी ऑपरेशनल 

अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा- “साल के पहले छह महीने के बाद यानि इस साल की दूसरी छमाही में अस्त्र मिसाइल का ट्रायल शुरू हो जाएगा और हम यह उम्मीद करते हैं कि मिसाइल साल 2022 तक पूरी तरह से डेवलप हो जाएगी।” पूर्व सेंट्रल एयर कमांडर एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा (रिटायर्ड) ने कहा- "ऐसी उम्मीद है कि अगली पीढ़ी की मिसाइल अगले साल के अंत तक ऑपरेशनल हो जाएगी।" सेवानिवृत्त अधिकारी एसबीपी सिन्हा पिछले काफी समय से अस्‍त्र मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े हैं। नई जनरेशन की अस्‍त्र विजुअल रेंज के बाहर मार करने वाली एयर-टू-एयर मिसाइल है। 

बढ़ेगी लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता

सभी मौसम, दिन और रात हर समय मार करने में समर्थ भारत अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल (Astra Mark 2 Missile) से अपने लड़ाकू विमानों की क्षमता को हवाई युद्ध (हवा से हवा) में अधिक घातक बनाएगा, जैसा कि26 फरवरी 2019 को हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot airstrikes) के एक दिन बाद हुआ था। इस मिसाइल से लैस भा‍रतीय विमान दुश्‍मन विमानों को 160 किलोमीटर दूर से ही हवा में मार गिराने में सक्षम होगी। अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल को स्वदेशी फाइटर जेट LCA तेजस में लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल फाइटर जेट LCA तेजस में 100 किलोमीटर रेंज तक की मिसाइलें लगी हैं। अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल के लगने के बाद तेजस से इजरायली मिसाइल को हटा दिया जाएगा। अभी इजरायल की मिसाइल का आयात किया जाता है, जो अस्‍त्र मार्क-2 मिसाइल के आने के बाद से हट जाएंगी।

दुश्मन के फाइटर जेट के संचार को बाधित कर देगी अस्त्र मार्क-2 मिसाइल

भारतीय वायुसेना और नौसेना ने 288 अस्त्र मार्क-1 (Astra Mark 1 Missile) के ऑर्डर दिए हैं। इस मिसाइल का उपयोग रूस में बने भारतीय फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई (Su-30MKI) में किया जा रहा है। अस्त्र मिसाइल बनने के बाद भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जो इस तरह की मिसाइलें बनाते हैं। अस्त्र मार्क-2 (Astra Mark 2 Missile) मिसाइल सुपरसोनिक फाइटर जेट्स के साथ लैस होने पर और ज्यादा घातक सिद्ध होगी। लंबी दूरी के काउंटर मेजर्स मिशन में दुश्मन के छक्के छुड़ा देगी। अस्त्र मार्क-2 (Astra Mark 2 Missile) में अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर मेजर्स (ECCM) तकनीक लगाई गई है, ताकि ये दुश्मन के फाइटर जेट के संचार को बाधित कर दे। जब तक वह संभले तब तक उसका काम तमाम हो जाएगा। मौजूदा समय में इसकी रेंज लगभग 100 किलोमीटर की है। यह महंगी रूसी, फ्रांसीसी और इजराइल की BVRAAM की जगह लेगी। मौजूदा वक्‍त में ये मिसाइलें (BVRAAMs) आयात की जाती हैं। 

ध्वनि की गति से चार गुना तेज

अस्त्र बेयंड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) है, जिसकी रफ्तार आवाज से चार गुणा ज्यादा तेज है। अस्त्र मार्क-2 (Astra Mark 2 Missile) की एक खासियत ये भी है कि ये पीछा करके मारती है, यानि एक बार दुश्मन का विमान टारगेट पर लॉक हुआ तो ये सामने से या पीछे से दौड़ा-दौड़ कर मार डालेगी। इस मिसाइल के पुराने वर्जन यानि अस्त्र मार्क-1 का उपयोग भारतीय वायुसेना मिग-29, मिग-29के, मिराज 2000, सुखोई-30 एमकेआई और तेजस एमके1/1A में कर रही है।

288 अस्‍त्र मार्क-1 मिसाइलों का दिया गया ऑर्डर

भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना ने पहले ही 288 अस्त्र मार्क-1 मिसाइल का ऑर्डर दिया हैं, जिसने रूस में निर्मित सुखोई-30एमके आई लड़ाकू विमानों पर खुद को साबित किया है। इस बीच एलआरएसएएस मिसाइल का अंतिम उत्पादन बैच रविवार को एपीजे अब्दुल कलाम मिसाइल परिसर में शुरू किया गया है। लंबी दूरी तक सतह से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल का डिजाइन डीआरडीओ ने औद्योगिक साझेदारों के साथ मिलकर किया है।

DRDO की अंडर डेवलपमेंट है अस्त्र मार्क-3 मिसाइल

भविष्य में अस्त्र मार्क-2 (Astra Mark 2 Missile) का उपयोग LCA तेजस एमके-2, एमसीए और TEDBF में भी किया जाएगा। इसके बाद डीआरडीओ की तैयारी है अस्त्र मार्क-3 (Astra Mark 3 Missile) बनाने की है। ये मिसाइल भी फिलहाल अंडर डेवलपमेंट है। माना जा रहा है कि अस्त्र मार्क-3 (Astra Mark 3 Missile) 350 किलोमीटर रेंज की होगी। आपको बता दें कि अस्त्र मिसाइलें 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ सकती हैं यानि जमीन से 66 हजार फीट की ऊंचाई पर भी दुश्मन के हमले को बर्बाद कर सकती हैं।

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