नई दिल्ली: लद्दाख के पास भारत-चीन सीमा पर तनाव कम करने और सैनिकों की वापसी के लिए भारत और चीन के बीच 12वें राउंड की बैठक शनिवार को होने जा रही है, इंडिया टीवी को सूत्रों से यह जानकारी मिली है। मिली जानकारी के अनुसार भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की बातचीत चीनी सीमा के अंदर मॉल्डो में होगी। बैठक लगभग सुबह 10.30 बजे शुरू होने की संभावना है।
शनिवार को होने वाली 12वें राउंट की बैठक में हॉट-स्प्रिंग तथा गोगरा को लेकर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है। 11वें राउंट की बैठक 9 अप्रैल को हुई थी जिसमें चीन ने गोगरा और हॉट स्प्रिंग को लेकर बात नहीं की थी। हालांकि, पैंगोंग झील के किनारों समेत कई जगहों से डिस-एंगेजमेंट हुआ है, लेकिन अब भी कुछ ऐसे प्वाइंट्स बाकी रह गए हैं, जहां पर दोनों की सेनाएं आमने-सामन की स्थिति में हैं। इसको देखते हुए कल (शनिवार) भारत-चीन के बीच 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत होगी।
बता दें कि 11वें दौर की वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी से भारतीय सीमा की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह करीब 13 घंटे चली थी। बारहवें दौर की वार्ता विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अपने चीनी समकक्ष वांग यी को इस बात से दो टूक अवगत करा देने के करीब दो हफ्ते बाद हो रही है कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के लंबा खींचने का प्रभाव द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक रूप से पड़ता नजर आ रहा है। दोनों विदेश मंत्रियों ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में 14 जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक बैठक से अलग एक घंटे की द्विपक्षीय बैठक की थी।
इस बैठक में जयशंकर ने वांग से कहा था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं होगा और पूर्वी लद्दाख में शांति एवं स्थिरता पूरी तरह से बहाल होने के बाद ही पूर्ण संबंध विकसित हो सकते हैं। पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने क्षेत्र में तनाव घटनो के बड़े लक्ष्य के साथ हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग में सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की थी।
हालांकि, सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में चीन की ओर से कोई गतिविधि नहीं की गई। शनिवार को भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर हैं। पिछले साल मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है।
दोनों पक्षों ने सिलसिलेवार सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया फरवरी में पूरी कर ली। भारत इस बात पर जोर देता आ रहा है कि दोनों देशों के बीच संपूर्ण संबंधों के लिए देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में सैनिकों को हटाने सहित अन्य लंबित मुद्दों का समाधान आवश्यक है। दोनों देशों के इस समय एलएसी पर संवेदनशील क्षेत्र में 50,000 से 60,000 सैनिक हैं।
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