तवांग. लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच में अबतक तनाव जारी है। इस तनाव के बीच भारतीय सुरक्षाबल लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक LAC पर कहीं भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। एक तरफ जहां उत्तर में लद्दाख के गलवान में भारतीय फौज चीनी PLA पर बुरी तरह पटखनी दे चुकी है, वहीं दूसरी पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कहीं भी ITBP चीन की किसी भी गलत हरकत पर उसे और भी बुरा सबक देने के लिए तैयार बैठी है। तवांग में सीमा पर तैनात ITBP के जवानों में जोश से लबरेज हैं। ITBP का कहना है कि वो यहां चीन की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं और उसे सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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Tawang sector में LAC पर बनी फॉरवर्ड पोस्टों से चीन की सेना की मौजदूगी देखी जा सकती है। यहां पिछले कुछ सालों में कम समय में forward पोस्टों पर पहुंचने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है। यहां पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सैनिकों की तैयारी के उच्च स्तर को भी देखा जा सकता है। यहां एक फॉरवर्ड पोस्ट पर ITBP की 55वीं बटालियन के कमांडर IB Jha ने बताया, "जब इस तरह की घटनाएं (पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा घुसपैठ) होती हैं, तो हमें हाई अलर्ट मोड पर रहना होगा ताकि ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं न हों और कोई आश्चर्य की बात न हो। यहां ठंड बहुत ज्यादा है जो चीजों को कठिन बना देती है, हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हुए हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "यहां हमें कोई सरप्राइज नहीं दे सकता। हम सीमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता हैं और हम अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं और इसके लिए हमने आला दर्ज की तैयारियां की हुई हैं।"
आपको बता दें कि ITBP ने पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शुरुआती हिंसक झड़पों में, ITBP ने पैंगोंग झील, फिंगर क्षेत्र और 14,15, 17 और 17 ए में पैट्रोलिंग पॉइंट्स पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को कई बार सबक सिखाया। इस दौरान कई बार संख्या में कम होने के बावजूद ITBP के सैनिकों ने मल्लयुद्ध में चीनी सैनिकों की खुब पिटाई की, जिस वजह से न सिर्फ घायल हुए बल्कि पीछे हटने को मजबूर भी हुए।
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कमांडेंट झा ने कहा कि अप्रैल-मई में चीन के साथ हुई शुरुआती झड़पों ने ITBP ने जो बहादुरी दिखाई उससे अरुणाचल में तैनात जवान भी भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने लद्दाख सेक्टर में कड़ा संघर्ष किया और अपनी ताकत दिखाई। यहां तैनात लड़के मुझसे अकसर कहते हैं कि जिस तरह उनके साथियों ने लद्दाख में चीनियों को धूल चटाई है, उसी तरह वो भी चीनियों की किसी भी हरकत का उससे भी ज्यादा बहादूरी से जवाब देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पूरे साल ITBP द्वारा की गई तैयारी यह सुनिश्चित करेगी कि समय आने पर वो दुश्मन को मार भगाएंगे।
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फॉरवर्ड इलाके में जीरो प्वॉइंट से भारतीय सीमा तक पहुंचने के लिए चीनियों द्वारा बनाई गई सड़कें साफ देखी जा सकती है। चीनी सेना इन सड़कों के जरिए आराम से अपने वाहनों में सवार होकर भारत की जमीन तक पहुंच सकती है। Commandant Jha ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पक्ष द्वारा विकसित किया गया बुनियादी ढांचा अब भारतीय सैनिकों को तवांग क्षेत्र में LAC पर Zero Point के बहुत करीब पहुंचने में काफी मददगार साबित हो रहा है।
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ANI की टीम ने भी यहां देखा कि भारतीय सशस्त्र बलों के वाहन भी एलएसी से कुछ सौ मीटर के करीब पहुंच रहे हैं, जो उन्हें स्थितियों का तेजी से जवाब देने की मददगार हैं। Commandant Jha ने कहा, "चाहे कपड़े हों या बुनियादी ढांचे, हाल के दिनों में इस संबंध में बहुत काम किया गया है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि हमारे वाहन zero point तक जा सकते हैं, इससे थकान के बिना जल्दी से स्थितियों का जवाब देने में मदद मिलती है।"
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आपको बता दें कि तवांग सेक्टर एलएसी पर पूर्वोत्तर में सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। साल 1962 के युद्ध में चीनी भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर तक पहुंचने में सफल रहा था। में गहराई से आने में कामयाब रहे थे। हालांकि वर्तमान समय में इस सेक्टर की ससंवेदनशीलता को देखते हुए यहां भारतीय सेना की एक पूरी टुकड़ी तवांग में और इसके आस-पास तैनात है ताकि विपक्षी द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोका जा सके।
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तेजपुर स्थित Gajraj Corps इस पूरे इलाके पर अपनी नजर रखे हुए हैं। पूरे सेक्टर में Gajraj Corps तैनात है और यहां भारतीय सेना की तैयारियां भी देखने लायक हैं। लद्दाख में चीनियों की हरकत के बाद ही Lt Gen Shantanu Dayal द्वारा कमांड की जा रही Gajraj Corps फॉरवर्ड लोकेशन पर तैनात है। यहां ITBP और भारतीय सेना दोनों ही आपसी समन्वय बनाकर काम करती है। (ANI)