नई दिल्ली. लद्दाख में LAC पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए रविवार को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच लंबी बातचीत हुई। इस बातचीत में चीनी सेना के अड़ियल रुख की वजह से लद्दाख में LAC के विभन्न इलाकों में जारी तनाव को कम करने के लिए कोई नतीजा नहीं निकल सका। हालांकि दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने तथा संचार/संवाद कायम रखने पर सहमत हुए। भारतीय सेना ने कहा कि हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह लंबित मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करेगा।
पढ़ें- क्या चीन बना रहा है कोई 'गंदा प्लान'? रात के अंधेरे में कर रहा मिलिट्री ड्रिल
पढ़ें- चीन को लगेगा बड़ा झटका! अमेरिका अपनी पूंजी भारत ट्रांसफर करने में दिखा रहा रुचियह वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चूशुल-मोल्दो सीमा क्षेत्र में चीन की तरफ रविवार को हुई। वार्ता करीब साढ़े आठ घंटे तक चली। आइए 5 बिंदुओं में आपको बतातें हैं भारतीय सेना के सूत्रों की तरफ से दी गई बातचीत को लेकर पूरी जानकारी-
- भारत चीन वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबित मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही।
- भारत ने बताया कि एलएसी पर हालात यथास्थिति को बदलने के चीन के एकतरफा प्रयासों के कारण पैदा हुए हैं।
- भारतीय पक्ष ने चीनी पक्ष से कहा है कि शांति बहाली के लिए वह बाकी के क्षेत्रों में उचित कदम उठाए।
- भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि बाकी के क्षेत्रों में लंबित मुद्दों के समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी।
- भारतीय पक्ष ने बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं लगा।
भारतीय सेना ने बयान में ये बताया
भारतीय सेना ने जो वक्तव्य जारी किया, उसमें मामले पर उसके सख्त रुख का संकेत मिला। सेना ने कहा कि रविवार को हुई बैठक में, बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों का समाधान नहीं निकला और भारतीय पक्ष ने जोर देकर कहा कि वह चीनी पक्ष से इस दिशा में काम करने की उम्मीद करता है। सेना ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष उनसे सहमत नहीं लगा और वह आगे बढ़ने की दिशा में कोई प्रस्ताव भी नहीं दे सका। अत: बैठक में बाकी के क्षेत्रों के संबंध में कोई समाधान नहीं निकल सका।’’
सेना ने कहा कि वार्ता के दौरान भारतीय पक्ष ने इस बात का उल्लेख किया कि एलएसी पर जो हालात बने वे यथास्थिति को बदलने के चीन के ‘एकतरफा प्रयासों’ के कारण पैदा हुए हैं और यह द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन भी करते हैं। उसने कहा, ‘‘इसलिए यह आवश्यक है कि चीनी पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अमन और चैन की बहाली के लिए बाकी के क्षेत्रों में उचित कदम उठाए।’’ भारतीय पक्ष ने चीन और भारत के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले महीने हुई वार्ता का भी जिक्र किया, जो ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर हुई थी। सेना ने कहा, ‘‘यह दुशांबे में विदेश मंत्रियों के बीच हाल में हुई बैठक में दिए गए मार्गदर्शन के अनुरूप होगा, जिसमें उनके बीच सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष लंबित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान निकालें।’’