नई दिल्ली. वामपंथी दलों ने मंगलवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव को दूर करने के लिए बातचीत की शुरुआत करनी चाहिए। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है।
माकपा ने सरकार से कहा कि वह ‘‘आधिकारिक बयान’’ जारी करे कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में क्या हुआ और कहा कि तनाव को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय वार्ता की शुरुआत होनी चाहिए।
माकपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान गलवान घाटी में संघर्ष हुआ। तनाव को कम करने की प्रक्रिया पर छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता की शुरुआत होने के बाद ऐसी घटना हुई है।’’
पार्टी ने भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों के शहीद होने पर दुख जताया है। इसने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि दोनों सरकारें तनाव को दूर करने के लिए तुरंत उच्च स्तर पर वार्ता शुरू करें। साथ ही सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बनी सहमति के आधार पर आगे बढ़ें।’’
भाकपा ने अलग से बयान जारी कर कहा कि समझा जाता है कि वर्तमान गतिरोध का वार्ता और स्थापित रूपरेखा के माध्यम से समाधान किया जा सकता है, जिस पर दोनों देश सहमत हुए हैं। इसने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि दोनों पक्षों को मुख्य हितों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रयास तेज करने होंगे ताकि जल्द से जल्द भारत-चीन सीमा प्रश्न पर परस्पर स्वीकार्य समाधान को हासिल किया जा सके।’’