लेह: लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ 'हिंसक टकराव' के दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और 2 जवान शहीद हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच हुए इस हिंसक टकराव के दौरान भी दोनों तरफ से फायरिंग नहीं हुई है। दोनों देशों के बीच आखिरी बार 1975 में गोली चली थी। उस समय अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। उसके पहले 1967 में दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई थी जिसमें चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
आखिरी बार 1975 में चली थी गोली
भारत और चीन के सेना के बीच आखिरी बार गोलीबारी 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में हुई थी। तुलुंग ला में हुए संघर्ष में 4 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से लेकर अब तक दोनों देशों की सेना के कभी गोलीबारी की नौबत नहीं आई है। उससे पहले 1967 की जंग में भारत और चीन के सैनिक भिड़े थे। 1962 की लड़ाई के बाद भारत उस इलाके में अपनी स्थिति बेहतर कर रहा था, जिससे चीन चिढ़ गया था। 1967 की इस जंग में चीन को काफी नुकसान उठाना पड़ा। इस लड़ाई में भारत के 88 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के करीब 340 सैनिक मारे गए थे।
सोमवार को सीमा पर क्या हुआ
सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, गलवान घाटी में तनाव कम करने की प्रक्रिया के दौरान सोमवार रात हिंसक टकराव हो गया। इस दौरान भारतीय सेना का एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने बताया कि भारत और चीन की सेना के वरिष्ठ अधिकारी लद्दाख में तनाव कम करने के लिये बैठक कर रहे हैं। गौरतलब है कि बीते 5 हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। दोनों ने अपनी-अपनी पोजिशन से हटना शुरू ही किया था कि यह घटना हो गई।