नई दिल्ली. लद्दाख बॉर्डर पर चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने अपनी सेना के हाथ खोल दिए हैं और चीन को इसका डर सताने लगा है। भारत सरकार के कदम के बाद अपने प्रोपेगेंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन गीदड़भभकी पर उतर आया है। इतना ही नहीं सेना के हाथ खोलने के भारत के कदम के बाद चीन शायद डर चुका है और भारत के साथ हुए 1996 और 2005 में हुए समझौतों की याद दिला रहा है।
अपने प्रोपेगेंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स में लिखे लेख के जरिए चीन गीदड़भभकी दे रहा है कि अगर भारतीय सेना की तरफ से गोली चलाई गई तो चीन की सेना भी उसका जवाब देगी और भारत तथा चीन में बहुत सारे लोग ऐसी स्थिति नहीं देखना चाहते। ग्लोबल टाइम्स चीन का सरकारी अखबार है और अपनी सरकार के लिए प्रोपेगेंडा चलाता है, इस अखबार में लिखी बात को एक तरह से चीन का आधिकारिक बयान माना जाता है।
सेना के हाथ खोलने के भारत के कदम से तिलमिलाया चीन अब ग्लोबल टाइम्स के जरिए कह रहा है कि यह एक गैर जिम्मेदाराना कदम है और इसके जरिए दोनो देशों के बीच हुए सबसे अहम समझौता टूट सकता है और इसके जरिए अनचाहा सैन्य मतभेद पैदा हो सकता है। आर्टिकल में लिखे लेग के जरिए चीन अपनी गीदड़भभकी में भारतीय सेना की ताकत को कम आंकते हुए यह भी कह रहा है कि चीन की फौज ज्यादा ताकतवर है।
हालांकि चीन की फौज को भारतीय सेना की ताकत अंदाजा 15 जून की रात को हो चुका है। भारत और चीन के बीच पहले यह समझौता हुआ था कि दोनो देश सीमा विवाद को बातचीत से हल करेंगे और सीमा पर गोली नहीं चलाएंगे।
इस समझौते के बावजूद 15 जून की रात को चीनी सैनिक भारत की सीमा में घुस गए और भारतीय सैनिकों पर कील लगे डंडों से हमला कर दिया। भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की और इस हिंसक झड़प में भारत के 20 तथा चीन के 43 सैनिक मारे गए। चीन के इस धोखे के बाद भारत सरकार ने सेना के हाथ खोल दिए हैं जिसके बाद चीन अब गीदड़ भभकी पर उतर आया है और साथ में पुराने समझौते भी याद दिला रहा है।