नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख विवाद पर चीन-भारत के बीच सैन्य वार्ता को लेकर जारी संयुक्त बयान जारी किया। संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष अग्रिम इलाकों से सैनिकों को जल्द पीछे हटाने पर सहमत हुए है। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष LAC पर तैनात सैनिकों के संयम बरतने को लेकर प्रभावी प्रयास जारी रखने पर सहमत हुए है। बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष सहमत हुए कि वार्ता सकारात्मक, व्यवहारिक एवं रचनात्मक थी जो परस्पर विश्वास को और आगे बढ़ाएगी।
संयुक्त बयान में कहा गया कि सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और विचारों का गहन आदान प्रदान किया। बयान में बताया गया कि इसके अलावा एलएसी पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रित रखने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रखने पर भी सहमत हुए है। इसके अलावा भारत और चीन की सेनाएं तनाव को संयुक्त रूप से कम करने को लेकर कोर कमांडर स्तर की 10वें दौर की वार्ता के लिए जल्द बैठक करने पर भी सहमत हुई है।
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इससे पहले उत्तरी सिक्किम के नाकुला में भारतीय और चीनी सैनिकों के आपस में भिड़ जाने के बाद इस घटना को लेकर चीन की तरफ से आज आधिकारिक बयान जारी किया गया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस घटना को लेकर कहा है कि हमारे सैनिक चीन-भारत सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन ने भारत से आग्रह किया है कि वह चीन से मुलाकात करे और किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई से परहेज करे जो सीमा पर तनाव की स्थिती को बढ़ा सकती है, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने भारत से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए व्यावहारिक कदम उठाने को कहा है।पढ़ें- आज भारत और चीन सैनिकों की झड़प के बाद चीन का आधिकारिक बयान, बोली यह बड़ी बात
भारत और चीन के सैनिकों में झड़प, कई घायल
उत्तरी सिक्किम के नाकुला में भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए। ये झड़प पिछले हफ्ते हुई और इसमें कई सैनिक घायल हो गए हैं। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। नाकुला, पिछले साल मई की शुरूआत से दोनों देशों के बीच पैंगॉन्ग सो, गलवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स के अलावा गतिरोध का एक और स्थान है। सरकारी सूत्र ने कहा कि झड़प तीन दिन पहले हुई थी। यह तब हुआ जब दोनों देशों की सरकार और सेना 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा विवाद को सुलझाने के लिए वार्ता के अगले दौर की तैयारी कर रही थी।
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सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत और चीन ने 16 घंटे लंबी मैराथन सैन्य वार्ता आयोजित की जो कि सोमवार रात 2 बजे समाप्त हुई। पिछले दो महीने में हुई अंतिम वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच नौवीं कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता मोल्दो मीटिंग प्वॉइंट पर हुई। लेह स्थित मुख्यालय 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी.जी. के. मेनन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। बैठक में भारत ने विवादित क्षेत्रों को पूरी तरह स्वतंत्र करने और सुरक्षा बलों को वापस बुलाने की मांग की। गलवान घाटी में दोनों पक्षों के बीच पिछले साल 15 जून को हुई हिंसा में भारत ने अपने 20 सैनिकों को खो दिया था, जबकि मरने वाले चीनी सैनिकों की संख्या अज्ञात है।
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