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दो घंटे से भी ज्यादा चली भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक, लद्दाख में जारी तनाव को लेकर हुई चर्चा

विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी सकमक्ष वांग यी की बीच रूस की राजधानी मास्को में वार्ता खत्म हो गई है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : September 11, 2020 7:58 IST
india china foreign minister sjaishanker Wang Yi meeting outcome । खत्म हुई भारत और चीन के विदेश मंत
Image Source : TWITTER/ANI खत्म हुई भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक

नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी सकमक्ष वांग यी की बीच रूस की राजधानी मास्को में वार्ता खत्म हो गई है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच ये वार्ता ऐसे समय में हुई, जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के आमने सामने आने की ताजा घटना के कारण पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच लद्दाख में जारी विवाद को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि भारत की तरफ से बैठक में साफ तौर पर यह स्पष्ट किया गया कि वो इलाके में शांति चाहते है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच बातचीत रात आठ बजे (भारतीय समयानुसार) के कुछ देर बाद शुरू हुई और कम से कम दो घंटे तक चली। बातचीत का एकमात्र लक्ष्य सीमा पर तनाव को कम करना और गतिरोध के स्थल से सैनिकों की वापसी का था। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है। आशा की जा रही है कि इस बातचीत से करीब चार महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में कुछ सकारात्मक पहल होगी।

एक सूत्र ने बताया, ‘‘बातचीत का मुद्दा दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव को कम करना और सैनिकों को वहां से वापस बुलाना था।’’

पिछले एक सप्ताह से भी कम वक्त में दोनों देशों के बीच यह दूसरी उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता है। मई की शुरुआत में वस्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुए गतिरोध के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच यह पहली आमने-सामने की मुलाकात थी। इससे पहले मास्को में ही शुक्रवार को दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत हुई थी।

इससे पहले जयशंकर और वांग के बीच फोन पर 17 जून को बात हुई थी। उसके दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गये थे। इस झड़प में कुछ चीनी सैनिकों की भी मृत्यु हुई थी, लेकिन उन्होंने अपनी संख्या नहीं बतायी है।

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, चीन के 35 सैनिक मारे गए थे। आज दिन में जयशंकर और वांग ने आठ सदस्यीय एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया था। द्विपक्षीय वार्ता से पहले दोनों की मुलाकात रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी हुई थी।

जयशंकर-वांग की बातचीत से दो दिन पहले मंगलवार को भारतीय सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने एक दिन पहले शाम में पैंगोंग झील क्षेत्र के दक्षिणी तट पर स्थित एक भारतीय चौकी की ओर बढ़ने का प्रयास किया और हवा में गोलियां चलाईं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल के अंतराल में गोली चलने की यह पहली घटना थी। भारतीय सेना का बयान चीनी सेना के उस आरोप के बाद आया था जिसमें कहा गया था भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पैंगोंग झील के पास ‘‘गोलीबारी की।’’ भारतीय सेना ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शाम में डिजिटल मीडिया ब्रीफिंग में भारत की स्थिति को दोहराया कि वह मौजूदा स्थिति का शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए हल के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "भारत और चीन दोनों ही स्थिति को सुलझाने के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क में हैं। यह सहमति तब बनी जब दोनों रक्षा मंत्री मिले थे।"

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