लद्दाख में लाइन आॅफ एक्चुअल कंट्रोल यानि एलएसी पर भारत और चीन की सेना बीते 9 महीनों से आमने सामने हैं। इस बीच करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद रविवार 24 जनवरी को भारत और चीन के बीच सैन्य अधिकारी स्तर की बातचीत हुई। चीनी सीमा में मॉलडो में हुई यह बैठक 15 घंटे तक चली। सैन्य सूत्रों के अनुसार यह बैठक रविवार सुबह 11 बजे शुरू हुई और देर रात ढाई बजे तक जारी रही। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई, फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं मिली है।
सूत्रों के मुताबिक ये बैठक भारत की तरफ से चीन को भेजे गए मेमो पर आए जवाब के बाद की गई है। अभी सीमा के दोनों तरफ करीब 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं और ये कोशिश की जा रही है कि कोई अनहोनी ना हो। इस बैठक में चीन की तरफ़ से साउथ शिनजियांग मिलिट्री कमांड के कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन मौजूद थे। चीन के विदेश मंत्रालय का भी एक ऑफ़िसर इसमें शामिल था। वहीं भारत की तरफ़ से लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन और विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव समेत 12 सदस्य शामिल रहे।
पढ़ें- अब गैर रजिस्टर मोबाइल नंबर पर भी आएगा आधार OTP, UIDAI ने बताई पूरी प्रक्रिया
पढ़ें- बैंक अकाउंट से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलना हुआ बेहद आसान, ये रहा पूरा प्रोसेस
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों तरफ से पूर्वी लद्दाख में सेना और हथियारों की भारी तैनाती की गई है। पिछली 8 दौर की बातचीत के बाद भी चीन के अड़ियल रवैये में कोई नरमी नहीं आई है। ऐसे में करीब 78 दिन बाद हुई इस बैठक को लेकर सभी में काफी उत्सुक्ता दिख रही है।
चीन लगातार बढ़ा रहा है जमावड़ा
लद्दाख में तनाव की स्थिति के बीच दोनों देशों ने तय किया था कि वे अपने सैनिकों और सैनिक साजोसामान को एलएसी से दूर करेंगे। लेकिन चीन ने इस संधि के बाद से ही यू टर्न लेना शुरू कर दिया था। इस बीच चीनी सेना ने चुपचाप एलएसी के पास तनाव वाले इलाकों में सैन्य का जमावड़ा कर लिया है। वहीं कुछ सेक्टर्स में चीन के बढ़ते कदम को देखते हुए भारत ने एहतियातन पहले ही सुरक्षात्मक कदम उठा लिए हैं।
पढ़ें- किसानों के खाते में आएंगे 36000 रुपये, आज ही रजिस्ट्रेशन कर फ्री में उठाएं मानधन योजना का फायदा
पढ़ें- 2021 में बन जाइए दिल्ली में घर के मालिक, आज से शुरू हुई DDA में आवेदन प्रक्रिया, ये है तरीका
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम से पीएम मोदी देंगे संदेश
एक और जहां एलएसी पर सैनिक कमांडर बैठक हुई है। वहीं आज से वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम का वर्चुलअ समिट होने जा रही है। जिसे पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों संबोधित करेंगे। पीएम मोदी का भाषण 28 जनवरी को होगा। तो शी जिनपिंग 25 जनवरी को इसे संबोधित करेंगे। चीन पर इस वक्त चौतरफा दबाव है। लेकिन वो अपनी चालाकियों से बाज़ नहीं आ रहा। इससे पहले आठ दौर की बातचीत बेनतीजा रही। इस बीच भारत और चीन के डिप्लोमेट ज़रूर बात करते रहे। ताकि टकराव की किसी भी स्थिति को टाला जा सके। इसका ही नतीजा है कि आज दोनों देशों के कमांडर एक बार फिर बातचीत की टेबल पर बैठने वाले हैं।