नई दिल्ली. लद्दाख में पिछले साल LAC पर भारत और चीन के बीच शुरू हुआ विवाद अबतक जारी है। भारत गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीन को सबक सिखा चुका है। इस हिंसक झड़प में चीन के 40 सैनिक मारे गए थे, जबकि भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। शुक्रवार को आर्मी डे के मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकंद नरवणे ने कहा, "आप सभी उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे तनाव से अवगत हैं। सीमाओं पर एकतरफा स्थिति बदलने की साजिश पर एक जोरदार जवाब दिया गया था। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गलवान के बहादुरों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।"
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पढ़ें- जब अचानक सड़क पर आ गया तेंदुआ, पहले तो डर गए लोग लेकिन फिर...उन्होंने कहा कि हम चर्चा और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से अपने विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
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सेना प्रमुख ने कहा कि लगभग 300-400 आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ करने के लिए सीमा के पास प्रशिक्षण शिविरों में बैठे हैं। पिछले वर्ष संघर्ष विराम उल्लंघन की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो पाकिस्तान के नापाक इरादों को दर्शाता है। पिछले साल सेना ने एलओसी के पास और आतंकवाद-रोधी अभियानों में 200 से अधिक आतंकवादियों का सफाया किया।
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मनोज मुकंद नरवणे ने बताया कि सेना अपने आधुनिकीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। आपातकालीन और फास्ट-ट्रैक योजनाओं के तहत, सेना ने लगभग 5,000 करोड़ रुपये के उपकरण खरीदे और पिछले साल पूंजीगत खरीद के तहत 13,000 करोड़ रुपये के अनुबंध किए हैं।
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