नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आतंकवादियों के लॉंच पैडों पर ‘‘लक्षित हमले’’ कर रहा है और पाकिस्तानी घुसपैठियों को भारतीय क्षेत्र में घुसने से पहले ही मार गिराया जा रहा है। सिंह ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि कोरोना वायरस महामारी को परास्त करने की देश की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सशस्त्र बल अपने मनोबल को बिलकुल भी कम नहीं होने दे रहे। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय सशस्त्र बल सभी तरह की आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं और मैं देश को आश्वस्त कर सकता हूं कि हम सभी परिदृश्यों में शत्रुवत शक्तियों से अपनी संप्रभुता की रक्षा करने को तैयार हैं।’’
क्षेत्र में कोरोना वायरस की महामारी के प्रसार के बावजूद पाकिस्तान पिछले कई सप्ताह से नियंत्रण रेखा पर अकारण ही लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है और आतंकवादियों को कश्मीर में घुसाने के पूरे प्रयास कर रहा है। सिंह ने कहा, ‘‘जैसा कि आपको पिछले दो सप्ताह में एलओसी पर अभियान से पता चल गया होगा, हम उनके लॉंच पैडों पर खुफिया सूचना आधारित लक्षित हमलों के जरिए और भारत की धरती पर उनके कदम पड़ने से पहले ही उनका सफाया कर शत्रु पर दबदबा कायम रखे हुए हैं।’’
थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने गुरुवार और शुक्रवार को अग्रिम मोर्चों पर स्थिति का जायजा लेने के लिए एलओसी स्थित विभिन्न अग्रिम ठिकानों का दौरा किया और सेना को निर्देश दिया कि वह भारत में आतंकवादी घुसाने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए अधिकतम चौकसी बरते। सैन्य सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय सेना की कार्रवाई में एलओसी के उस पार पाकिस्तान में स्थित कई आतंकी लॉंच पैड नष्ट हो गए हैं। भारत एलओसी के उस पार आतंकवादियों के लॉंच पैडों और आयुध भंडारों पर लक्षित हमले कर पाकिस्तानी ‘‘दुस्साहस’’ का करारा जवाब देता रहा है।
हाल में केरन सेक्टर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक समूह का सफाया करते हुए सेना के पांच उत्कृष्ट कमांडो ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के भारत के फैसले के बाद से पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान आतंकवादियों को भारतीय क्षेत्र में घुसाने के लिए प्राय: संघर्षविराम का उल्लंघन करता रहता है। भारतीय सेना भी करारा जवाब देने की नीति के तहत पाकिस्तान की हरकतों का मुंहतोड़ उत्तर देती रही है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में 2019 में संघर्षविराम का 3,200 बार उल्लंघन किया जो पिछले 16 साल में सर्वाधिक है। इनमें से संघर्षविराम उल्लंघन की 1,565 घटनाएं भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन किए जाने के बाद अगस्त से दिसंबर के बीच हुईं। वर्ष 2018 में संघर्षविराम उल्लंघन की 2,936 घटनाएं हुईं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने में व्यस्त होने के बावजूद भारत ने रणनीतिक रूप से संवेदनशील सभी क्षेत्रों में अपने मनोबल को कम नहीं होने दिया है।