नई दिल्ली: चीन और इटली के अलावा ईरान में भी कोरोना वायरस को लेकर हंगामा मचा हुआ है। यह कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में शामिल है। ईरान में सैकड़ों भारतीय भी फंसे हुए हैं और उन्हें लाने के लिए भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। भारत सरकार ईरान में एक लैब स्थापित करने की कोशिश कर रही है लेकिम ईरान की जिद के चलते भारत वहां अपना लैब स्थापित नहीं कर पाया है।
गुरुवार को लोकसभा में कोरोना पर जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत ईरान में एक लैब स्थापित करने के लिए सामान भेज चुका है लेकिन अभी तक कस्टम क्लियरेंस नहीं मिला है। हर्षवर्धन ने कहा कि ईरान सरकार अगर सहयोग करे तो वहां जल्दी से लैब बनाया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि भारत का प्लान ईरान में लैब स्थापित कर वहीं भारतीयों के सैंपल टेस्ट करने का था। उन्होंने लोकसभा में कहा, हम ईरान में फंसे भारतीयों का सैंपल टेस्ट वहीं करना चाहते हैं और इसके लिए हमने टनों वजनी लैब को ईरान भेजा है ताकि जिनके टेस्ट निगेटिव आए उन्हें भारत भेजा जा सके। बाद में हम इस लैब को ईरान को ही डोनेट कर देते लेकिन वहां कस्टम क्लीयरेंस में देरी की वजह से अभी तक हम लैब स्थापित नहीं कर पाए हैं।
बता दें कि ईरान में कोरोना ने काफी कहर मचा रखा है। ईरान में 9000 से ज्यादा लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है और 354 लोगों की मौत हो चुकी है। ईरान में 6000 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें से ज्यादातर छात्र और तीर्थयात्री हैं। नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे से एक वैज्ञानिक को ईरान भेजा गया है जबकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) से तीन और वैज्ञानिक भी ईरान में मौजूद हैं।