संयुक्त राष्ट्र: भारत ने सुरक्षा से जलवायु परिवर्तन को जोड़ने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इसके हल के लिए कार्रवाई करने का अधिकार देने पर एक सचेत रूख अपनाने की अपील की है। भारत ने कहा है कि जिन समस्याओं के गैर सैन्य हल की जरूरत है, उनका सैन्य समाधान करने का नुकसानदेह परिणाम होगा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन कार्रवाई को अपने हाथों में लेने का सुरक्षा परिषद का फैसला 2015 के पेरिस समझौते और इस समस्या का समाधान तलाशने की बहुपक्षीय कोशिशों को बाधित करेगा।
उन्होंने ‘‘जलवायु से जुड़ी आपदाओं का अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर प्रभावों के हल’’ विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक परिचर्चा में यह कहा। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन वैश्विक सभ्यता के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती है।
अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत का मानना है कि जलवायु कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए वरीयता वाला क्षेत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और सुरक्षा के बीच सांठगांठ जटिल है और अब भी विवादित है। इसलिए हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग से इसका हल चाहते हैं।