नई दिल्ली. भारतीय सेना ने सोमवार को लद्दाख में LAC पार कर भारतीय क्षेत्र में घुम रहे एक चीनी सैनिक को पकड़ा। इस PLA सैनिक को भारतीय फौज के जवानों ने लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में पकड़ा। कहा जा रहा है कि ये चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर ‘‘भटक कर’’ भारतीय इलाके में आ गया। भारत द्वारा पकड़े गए इस सैनिक को लेकर अब चीन की तरफ से प्रतिक्रिया भी सामने आई।
चीन के सरकारी मीडिया CGTN के News Producer Shen Shiwei ने ट्वीट कर बताया कि PLA West Theater Command के Senior Colonel Zhang Shuili ने कहा, "चीन की सीमा टुकड़ी ने भारत को एक पीएलए सैनिक की खोज में मदद करने के लिए सूचित किया, जो सीमा के पास खो रहा था। वह खोए हुए याक को खोजने में चरवाहों की मदद कर रहा था। भारतीय पक्ष सैनिक को खोजने के लिए सहमत हुआ है और उसे वापस करने का वादा किया है।"
आपको बता दें कि भारतीय सेना ने बताया कि चीनी सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में की गयी है। सेना ने कहा कि चीनी सैनिक को सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद सौंप जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सैनिक को वापस भेजने में कुछ दिन लग सकते हैं। भारतीय सेना ने एक बयान में बताया, "पीएलए सैनिक की पहचान कॉर्पोरल वांग या लान्ग के रूप में हुयी है और एलएसी पर भटक जाने के बाद उसे 19 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में पकड़ा गया।’’
चीनी सेना में कॉर्पोरल का पद भारतीय सेना में नायक के पद के समान होता है। इसमें कहा गया है, "पीएलए के सैनिक को अत्यधिक ऊंचाई और प्रतिकूल जलवायु संबंधी परिस्थितियों से बचाने के लिए ऑक्सीजन, भोजन और गर्म कपड़े के साथ ही चिकित्सा सहायता मुहैया करायी गयी है।’’
दोनों देशों के बीच मई में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत और चीन ने डेमचोक सेक्टर सहित पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 50,000 से अधिक सैनिक तैनात किए हैं। बयान के अनुसार लापता सैनिक के ठिकाने के बारे में पीएलए से एक अनुरोध प्राप्त हुआ है। सेना ने कहा, "स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चुशूल-मोल्डो बैठक स्थल पर चीनी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।"
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक से पूछताछ की गयी कि वह भारतीय क्षेत्र में कैसे आ गया। बीजिंग में सरकारी ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने सूत्रों के हवाले से कहा कि इस मुद्दे पर दोनों देश बातचीत कर रहे हैं और समाधान की ओर बढ़ रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि इस घटना से सीमावर्ती क्षेत्रों में नए टकराव पैदा नहीं होंगे और मामला सुलझने से द्विपक्षीय वार्ता में नयी प्रगति का संकेत मिलेगा।