Wednesday, November 20, 2024
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भारत-चीन गतिरोध: 12 अक्तूबर को होगी कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता, LAC पर पीछे हट सकता है चीन

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने के लिए एक बार फिर से आगामी 12 अक्तूबर (सोमवार) को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता होगी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 04, 2020 16:56 IST
India and China to hold Corps Commander-level talks on October 12 in Eastern Ladakh- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO India and China to hold Corps Commander-level talks on October 12 in Eastern Ladakh

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर मई की शुरुआत से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सीमा विवाद को हल करने के लिए एक बार फिर से भारत और चीन के बीच आगामी 12 अक्तूबर (सोमवार) को कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता होगी। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। अब तक भारत और चीन के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए छह दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकला है।

बता दें कि, इसी महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय और चीनी सेना पूर्वी लद्दाख में एलएसी से सैनिकों को ‘शीघ्र और पूर्ण रूप से' पीछे हटाने को लेकर कदम उठाने के लिये सातवें दौर की अपनी वार्ता का कार्यक्रम तय करने पर काम कर रही है। सेना के सूत्र ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि दोनों देशों के बीच 12 अक्तूबर को कमांडर स्तर की वार्ता होगी। उम्मीद जतायी जा रही है कि इस वार्ता में कुछ परिणाम सामने आ सकते हैं।

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मंत्रालय ने कहा था कि यह प्रक्रिया मौजूदा द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के तहत की जायेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की यह टिप्पणी दोनों देशों के बीच एक और दौर की कूटनीतिक वार्ता होने के एक दिन बाद आई है, जो पूर्वी लद्दाख में पांच महीने से जारी गतिरोध को दूर करने के लिये सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचे के तहत हुई थी।

21 सितंबर को भी हुई थी वार्ता

इससे पहले भारत-चीन के बीच मोल्डो में चीनी क्षेत्र में बीते 21 सितंबर को छठे दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। लगभग 14 घंटे तक चली बैठक में तनाव कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। इसके बाद उन्होंने कई फैसलों की घोषणा की थी। इनमें अग्रिम मोर्चे पर और अधिक सैनिकों को नहीं भेजना, जमीन पर स्थिति को एकरतफा तरीके से बदलने से दूर रहना तथा मुद्दों को और अधिक जटिल बना देने वाली गतिविधियां करने से बचना शामिल है। 

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भारतीय सेना की लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। सैन्य वार्ता के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल में पहली बार विदेश मंत्रालय के किसी वरिष्ठ अधिकारी को शामिल किया गया था। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। वह सीमा विषयक परामर्श एवं समन्वय कार्य प्रणाली की रूपरेखा के तहत चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर राजनयिक वार्ता में शामिल रहे हैं।

वार्ता के दौरान भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि तनाव कम करने के लिए पहले कदम चीन को उठाना है। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने सीमा पर मई की शुरुआत से जारी टकराव को खत्म करने के लिए भारत और चीन के बीच 10 सितंबर को हुए पांच सूत्री द्विपक्षीय समझौते को लागू करने पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिये सिलसिलेवार कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता की है, लेकिन अब तक कोई ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है।

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