नई दिल्ली. गुरुवार को भारतीय वायुसेना के 88वें स्थापना दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। भारतीय वायु सेना (IAF) ने अपने पहले के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, 17,982 फीट की ऊंचाई पर, लेह के खारदुंगला दर्रे में सबसे अधिक स्काईडाइव लैंडिंग का नया रिकॉर्ड हासिल किया। रक्षा मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में शुक्रवार को कहा गया कि 8 अक्टूबर, 2020 को विंग कमांडर गजानंद यादव और वारंट अधिकारी एके तिवारी ने सी -130 जे विमान से सफल स्काईडाइविंग जंप किया और लेह के खारदुंगला दर्रे में उतरे।
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वायुसेना ने प्रेस रिलीज के जरिए बताया कि ऑक्सीजन की कमी के साथ-साथ हवा की कम डेनसिटी और दुर्गम दुर्गम पहाड़ी इलाके में इतनी ऊंचाई पर उतरना बेहद चुनौतीपूर्ण है। दोनों Air Warriors ने प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाने में excellent professionalism, धैर्य और दृढ़ संकल्प दिखाया है और एक नया वायुसेना रिकॉर्ड स्थापित करने की शानदार सफलता प्राप्त की है। इसमें कहा गया है कि भारतीय वायु सेना हमेशा अपने कर्मियों के लिए साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देती रही है, जिसका उद्देश्य यह है कि उनमें सौहार्द, टीम भावना और शारीरिक और मानसिक साहस जैसे गुणों को शामिल किया जाए।
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वायुसेना ने उत्तरी सीमा पर अभियान क्षमता का प्रदर्शन किया है: भदौरिया
लद्दाख में एलएससी पर भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना ने कभी भी जरूरत पड़ने पर अपने दुश्मन से प्रभावी तरीके से निपटने का संकल्प, अभियान क्षमता और इच्छाशक्ति ‘‘स्पष्ट’’ रूप से प्रदर्शित किया है। वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा चुनौतियों का जिक्र करते हुए उत्तरी सीमांत क्षेत्रों में हालिया गतिरोध के दौरान वायुसेना के जांबाज योद्धाओं की ‘त्वरित प्रतिक्रिया’ के लिए उनकी सराहना की।
उन्होंने हिंडन एयरबेस पर 88वें वायुसेना दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्र को आश्वस्त किया कि सभी परिस्थितियों में राष्ट्र की संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिए वायुसेना हमेशा तैयार रहेगी और स्वयं को विकसित करती रहेगी। भदौरिया ने वायुसेना दिवस परेड का निरीक्षण करने के बाद कहा, ‘‘‘हमने अपने दुश्मन से प्रभावी तरीके से निपटने का संकल्प, संचालन क्षमता और इच्छाशक्ति स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरी सीमाओं पर हाल के गतिरोध के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए मैं वायुसेना के सभी जांबाज योद्धाओं की सराहना करता हूं, तब हमने किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए संक्षिप्त सूचना पर अपने लड़ाकू साजो-सामान तैनात किए तथा भारतीय सेना के लिए तैनाती और अन्य सभी आवश्यकताओं के लिए सक्रियता से समर्थन प्रदान किया।’’
(Inputs- ANI/Bhasha)