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भारत की पाकिस्तान से एक बार फिर अपील, 'कुलभूषण जाधव को पूरी राजनयिक मदद मुहैया कराएं'

भारत ने आज पाकिस्तान से फिर कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जल्द से जल्द पूरी राजनयिक मदद मुहैया कराए। जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के कथित जुर्म में मौत की सजा सुनाई है। भारत ने पाकिस्तान से ताजा अपील

Bhasha
Updated : July 01, 2017 17:29 IST
kulbhushan jadhav
kulbhushan jadhav

नयी दिल्ली: भारत ने आज पाकिस्तान से फिर कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को जल्द से जल्द पूरी राजनयिक मदद मुहैया कराए। जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के कथित जुर्म में मौत की सजा सुनाई है। भारत ने पाकिस्तान से ताजा अपील ऐसे समय में की है जब दोनों देशों ने एक-दूसरे की जेलों में बंद कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया है।

भारत से साझा की गई पाकिस्तान की सूची के मुताबिक, करीब 500 मछुआरों सहित कम से कम 546 भारतीय नागरिक उसकी विभिन्न जेलों में बंद हैं। विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में एक बयान जारी कर कहा, भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से अनुरोध किया कि वह हामिद नेहाल अंसारी और कुलभूषण जाधव सहित पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय नागरिकों को जल्द पूरी राजनयिक मदद मुहैया कराए।

भारत ने जाधव को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत आईसीजे का रूख किया था। आईसीजे ने 18 मई को पाकिस्तान को जाधव को मौत की सजा देने से रोक दिया था।

मुंबई के रहने वाले अंसारी को 2012 में अफगानिस्तान से पाकिस्तान में अवैध तौर पर दाखिल होने के कथित जुर्म में पकड़ा गया था। वह कथित तौर पर एक ऐसी लड़की से मिलने गया था जिससे उसने इंटरनेट के जरिए दोस्ती की थी। बाद में अंसारी लापता हो गया था। फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उस पर मुकदमा चलाया, जिसने उसे जासूसी का दोषी करार दिया।

अपनी सूची में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि भारतीय कैदियों में 52 आम कैदी और 494 मछुआरे शामिल हैं। 21 मई 2008 को हुए एक द्विपक्षीय समझाौते के प्रावधानों के तहत कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया गया। समझाौते के मुताबिक, कैदियों की सूची का आदान-प्रदान साल में दो बार - एक जनवरी और एक जुलाई - करना होता है।

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