Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. दुनिया में बाढ़ जनित मौतों का पांचवा हिस्सा भारत में

दुनिया में बाढ़ जनित मौतों का पांचवा हिस्सा भारत में

राज्यसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, "बाढ़ के मुख्य कारणों में छोटी अवधि में हुई भारी बारिश, खराब या अपर्याप्त जल निकासी क्षमता, अनियोजित जलाशय नियमन और बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं की विफलता शामिल है।"

Reported by: IANS
Published on: July 19, 2018 6:43 IST
दुनिया में बाढ़ जनित मौतों का पांचवा हिस्सा भारत में- India TV Hindi
दुनिया में बाढ़ जनित मौतों का पांचवा हिस्सा भारत में

मुंबई: दुनिया में बाढ़ से होने वाली मौतों पांचवा हिस्सा भारत में है। विश्व बैंक के एक अध्ययन के परिप्रेक्ष्य में सरकारी आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिली है। अध्ययन में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन 2050 तक देशों की आबादी के आधे हिस्से के जीवन स्तर के मानकों को कम कर देगा। राज्यसभा में 19 मार्च को पेश किए गए केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 1953 से 2017 के बीच 64 वर्षो में भारी बारिश और बाढ़ के कारण करीब 107,487 लोगों की मौत हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, साथ ही करीब 365,860 करोड़ रुपये की फसलों, घरों और जन सुविधाओं यानी देश की वर्तमान जीडीपी का करीब तीन फीसदी का नुकसान हुआ।

राज्यसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक, "बाढ़ के मुख्य कारणों में छोटी अवधि में हुई भारी बारिश, खराब या अपर्याप्त जल निकासी क्षमता, अनियोजित जलाशय नियमन और बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं की विफलता शामिल है।" पश्चिम भारत में भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई। बेंगलुरू, मुंबई और जूनागढ़ जैसे शहरों में 2018 के मॉनूसन के दौरान बाढ़ जैसे हालात बन गए। बाढ़ग्रस्त 58 गांवों में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।

28 जून को प्रकाशित विश्व बैंक के अध्ययन में कहा गया है, "दक्षिण एशियाई क्षेत्र में तापमान में वृद्धि हुई और सभी व्यावहारिक जलवायु परि²श्य के तहत अगले कुछ दशकों में इसके लगातार बढ़ने की संभावना है।" इन बदलावों के परिणामस्वरूप अधिक बाढ़, पानी की भारी मांग और ताप से संबंधित चिकित्सा बीमारियां बढ़ेंगी।

कोलकाता, मुंबई, ढाका और कराची जैसे दक्षिण एशियाई शहर, जहां पांच करोड़ के करीब लोग रहते हैं, उन्हें अगली शताब्दी में बाढ़ से संबंधित नुकसान के जोखिम का सामना करना पड़ेगा। विश्व बैंक के नए अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि 2050 तक छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश सबसे अधिक प्रभावित राज्य होंगे। 10 में से सात सबसे प्रभावित जिले महाराष्ट्र के विदर्भ से होंगे।

सरकारी इकाई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, "भारत बाढ़ से सबसे असुरक्षित देश है। कुल भौगोलिक क्षेत्र 32.9 करोड़ हेक्टेयर (एमएचए) में से 40 एमएचए से अधिक बाढ़ उन्मुख क्षेत्र है।"

प्रत्येक वर्ष 1,600 से अधिक लोगों की मौत बाढ़ के कारण होती है, जबकि 3.2 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं। हर साल 92 हजार पशु अपनी जान गंवा देते हैं और 70 लाख हेक्टेयर जमीन प्रभावित होती है। साथ ही 5,600 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होता है। बाढ़ उन्मुख राज्यों में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, असम, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब शामिल हैं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement