नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लगातार सातवीं बार देश को संबोधित करेंगे। उनका संबोधन कोरोना वायरस महामारी, चीन के साथ सीमा पर जारी गतिरोध और आत्मनिर्भर भारत के तहत सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों के बीच होगा। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि प्रधानमंत्री संबोधन में क्या कहेंगे क्योंकि 15 अगस्त को वह बड़ी घोषणाएं करते रहे हैं, अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते रहे हैं और देश के समक्ष बड़ी चुनौतियों को लोगों के ध्यान में लाते रहे हैं।
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पिछले वर्ष मिले प्रचंड बहुमत के बाद स्वतंत्रता दिवस के भाषण में उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कानून लाने और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की बात प्रमुखता से रखी थी। उन्होंने जनसंख्या को नियंत्रित करने और पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने की जरूरत पर भी बल दिया था। पीएम मोदी जब 74वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करेंगे तो कोविड-19 से निपटने में सरकार के प्रयासों का जिक्र कर सकते हैं।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह दूसरा वर्ष है और सरकार ने अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार की पहल शुरू की है जबकि कोविड-19 से यह बुरी तरह प्रभावित हुई है। अयोध्या में पांच अगस्त को मोदी द्वारा राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ के बाद उनका यह संबोधन होगा। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच उनका संबोधन होगा।
दोनों देश संघर्ष वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी के लिए कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में और सुधार के उपायों की घोषणा भी वह कर सकते हैं जबकि सरकार ने कृषि और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई पहल की है ताकि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। लाल किले पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए चार हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है जिनमें अधिकारी, राजनयिक और मीडियाकर्मी शामिल हैं।
इससे पहले मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कई बड़ी घोषणाएं की हैं -- जैसे सरकार की महत्वाकांक्षी जन-धन योजना, स्टार्ट अप इंडिया आदि। स्वतंत्रता दिवस से पहले मोदी ने पिछले शनिवार को हफ्ते भर के ‘कचरा मुक्त भारत अभियान’ की शुरुआत की थी और कहा था कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में स्वच्छ भारत मिशन से बड़ा सहयोग मिला।