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Independence day 2018: पुरानी रफ्तार से चलते तो कई काम पूरा करने में दशकों लग जाते, चार साल में बहुत कुछ बदला: मोदी

मोदी ने कहा कि उनका मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है और इसमें कोई ‘तेरा..मेरा नहीं और कोई भाई भतीजावाद’ नहीं होगा । हर भारतीय का कौशल विकास हो, हर भारतीय को आवास मिले, हर भारतीय को सुरक्षा मिले, इस मंत्र को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।

Reported by: Bhasha
Updated on: August 15, 2018 12:37 IST
पुरानी रफ्तार से चलते तो कई काम पूरा करने में दशकों लग जाते, चार साल में बहुत कुछ बदला: मोदी- India TV Hindi
पुरानी रफ्तार से चलते तो कई काम पूरा करने में दशकों लग जाते, चार साल में बहुत कुछ बदला: मोदी

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि अगर हम साल 2013 की रफ्तार से चलते तो कई काम पूरा करने में दशकों लग जाते, लेकिन चार साल में बहुत कुछ बदला और देश आज बदलाव महसूस कर रहा है। देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा, ‘‘ चार साल में देश बदलाव महसूस कर रहा है। आकाश वही है पृथ्वी वही है, लोग, दफ्तर सब कुछ पहले जैसा है लेकिन अब देश बदल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि देश की अपेक्षाएं और आवश्यकताएं बहुत हैं, उन्हें पूरा करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को निरंतर प्रयास करना है।

मोदी ने कहा कि उनका मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है और इसमें कोई ‘तेरा..मेरा नहीं और कोई भाई भतीजावाद’ नहीं होगा । हर भारतीय का कौशल विकास हो, हर भारतीय को आवास मिले, हर भारतीय को सुरक्षा मिले, इस मंत्र को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को उम्मीद भरी नज़रों से देख रही है। आज हम कारोबार की सुगमता में अच्छी रैंकिंग पर पहुंचे हैं, हर कोई आज भारत की ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ नीति की तारीफ कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नयी ऊर्जा और परिश्रम की पराकाष्ठा के साथ देश नयी ऊंचाईयां हासिल कर रहा है।

मोदी ने कहा, ‘‘ हम कड़े फैसले लेने की सामर्थ्य रखते हैं क्योंकि हमारे लिये देश हित सर्वोपरि है, दलहित हमारे लिये मायने नहीं रखता है।’’ उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से सामाजिक न्याय को समर्पित था, जहां दलित, शोषित, पीड़ित वंचित वर्गों के हितों पर संवेदनशीलता का परिचय दिया गया और ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक पारित हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम चाहते हैं कि दुनिया में भारत की न केवल अपनी साख हो बल्कि उसकी धमक भी हो।’’ उन्होंने कहा कि गरीबों को न्याय मिले, जन जन को आगे बढ़ने का मौका मिले, मध्यम वर्ग को आगे बढ़ने में कोई समस्या न आये, यह हमारा प्रयास है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से अब तक वह अनुभव कर रहे हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासी सिर्फ सरकार बनाकर रुके नहीं, बल्कि वे देश बनाने में जुटे हैं। मोदी ने कहा कि वर्षों से किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना एमएसपी देने की मांग थी जिसे हमने पूरा किया। उन्होंने कहा कि शुरू में कठिनाइयों के बावजूद देश ने जीएसटी को अपनाया और व्यापारियों का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है। मोदी ने कहा कि कभी भारत की गिनती कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में होती थी लेकिन आज देश अरबों डालर के निवेश का बेहतर गंतव्य बन गया है।

उन्होंने कहा कि बदलाव का ही नतीजा है कि दुनिया के नेतृत्वकर्ता भारत के लिये कह रहे हैं कि सोया हुआ हाथी अब जाग चुका है, आने वाले तीन दशक तक भारत विश्व को गति देगा। ऐसा विश्वास आज भारत के लिये पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के अर्थशास्त्री अब मानने लगे हैं कि भारत अगले तीन दशक तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति देता रहेगा। मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले दुनिया की गणमान्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री हमारे देश के लिए कहते थे कि हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था में बहुत जोखिम है। वही लोग आज हमारे सुधारों की तारीफ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक समय था जब पूर्वोत्तर को लगता था कि दिल्ली बहुत दूर है लेकिन हमने दिल्ली को पूर्वोत्तर के दरवाजे पर खड़़ा कर दिया है। पूर्वोत्तर में आज हाईवेज़ से लेकर ई.वेज़ तक की चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत 13 करोड़ लोगों और उद्यमियों को कर्ज दिये गये जिनमें से चार करोड़ नौजवनों ने पहली बार कर्ज लिया और स्वरोजगार को बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मैं बेचैन हूं, देश को आगे ले जाने के लिये, बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने के लिये। मैं व्यग्र हूं ताकि देश के लोगों को जीवन जीने की सुविधा मिल सके।

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