रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने शहीद के अंतिम संस्कार का पैसा वापस मांगने के मामले में रक्षित केंद्र के निरीक्षक को निलंबित कर दिया है तथा पुलिस अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
राज्य के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके विज ने बताया कि गरियाबंद जिले में नक्सली हमले में शहीद किशोर पांडेय के अंतिम संस्कार का पैसा जमा कराने के लिए परिजनों को नोटिस देने वाले रक्षित केंद्र के निरीक्षक निलेश द्विवेदी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नक्सल प्रभावित गरियाबंद जिले के रक्षित केंद्र के निरीक्षक निलेश द्विवेदी ने नक्सली हमले में शहीद किशोर पांडेय के भाई कौशल पांडेय को नोटिस जारी कर अंतिम संस्कार के लिए वेलफेयर फंड से दी गई अग्रिम राशि वापस मांगी थी । कौशल पांडेय को भेजे गए नोटिस में कहा गया था कि दिनांक 23 मई वर्ष 2011 को एसपीओ किशोर पांडेय नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनके अंतिम संस्कार के लिए तात्कालिक रूप से अशासकीय निधि वेलफेयर फंड से दस हजार रूपए अग्रिम राशि उनके परिवार को दी गई थी।
नोटिस के मुताबिक इस राशि का समायोजन करने के लिए कौशल पांडेय से पहले भी पत्राचार किया गया था। कौशल पांडेय से कहा गया कि वह तत्काल राशि जमा कराएं। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने नोटिस के सार्वजनिक होने के बाद इस नोटिस को रद्द करवा दिया था। अब इस राशि का समायोजन वेलफयर फंड से ही किया जा रहा है।
इधर, राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि शहीदों का अपमान इस सरकार की आदत है। इससे पहले नक्सली हमले में शहीद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा के परिजनों को चतुर्थ श्रेणी पद पर नियुक्ति देने की कोशिश की गई थी। वहीं, शहीदों के शवों को कचरा गाड़ी में ढोने और वर्दी को कचरे में फेंकने की घटना हो चुकी है।