नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत का विरोध करने के चक्कर में फर्जी वीडियो पोस्ट किया। भारत को बदनाम करने के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के साथ पुलिस की कथित ज्यादती के नाम पर सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो पोस्ट किए। इसके तुरंत बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और भारत के ट्विटर यूजर्स ने इमरान के फर्जीवाड़े की पोल खोल दी। इस मामले पर चारों तरफ से हो रही किरकिरी के बाद आखिरकार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपनी पोस्ट को डिलीट करना पड़ा।
इमरान ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनों के दौरान ‘भारत में पुलिस हिंसा’ का हवाला देते हुए 3 वीडियो Twitter पर पोस्ट किए। इन वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, ‘मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए।’ लेकिन, इमरान का फर्जीवाड़ा तब पकड़ में आ गया जब पता चला कि उन्होंने जो वीडियो ट्वीट किया है, वह भारत नहीं, बल्कि बांग्लादेश का है। यह वीडियो 2013 का था और इसमें यूपी पुलिस के नहीं बल्कि बांग्लादेश की आतंकरोधी ईकाई रैपिड ऐक्शन बटालियन (RAB) के जवान किसी युवक की पिटाई कर रहे हैं।
यूपी पुलिस ने भी इमरान के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए बताया कि वीडियो उत्तर प्रदेश का नहीं है। वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी इमरान के इस फर्जीवाड़े पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘फर्जी खबर ट्वीट करो। पकड़े जाओ। ट्वीट डिलीट करो। फिर से वही काम करो।’ वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने भी इमरान के द्वारा पोस्ट की गई वीडियो पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि ऐसा फर्जीवाड़ा पाकिस्तान की तरफ से बार-बार होता है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की कई मौकों पर फर्जीवाड़े की वजह से किरकिरी हुई है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में भी पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने फर्जी तस्वीरें दिखाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश की थी।