नई दिल्ली: भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन सिंह रावत ने मंगलवार को कि जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन लगने से सेना के ऑपरेशन्स पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मीडिया से बात करते हुए हुए जनरल रावत ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे सैन्य ऑपरेशन में राज्य सरकार के गिरने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। साथ ही उन्होंने इस बात से इंकार किया कि सैन्य कार्रवाई में किसी प्रकार की राजनीतिक दखल दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे काम पर कोई राजनीतिक दखल नहीं दिया जा रहा है। हमनें केवल रमजान के दौरान (जम्मू-कश्मीर में) ऑपरेशन बंद किया था। लेकिन हमने देखा कि क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि सेना के काम पर कोई राजनीतिक दखल नहीं दिया जा रहा है। हमनें केवल रमजान के दौरान (जम्मू-कश्मीर में) ऑपरेशन बंद किया था। लेकिन हमने देखा कि क्या हुआ? इससे पहले राज्य के डीजीपी एस. पी. वैद ने भी राज्यपाल शासन लागू होने पर कहा था कि राज्यपाल के शासन में पुलिस को काम करने में काफी आसानी होगी। आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन और तेज होगा। आतंक फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पहले भाजपा ने मंगलवार दोपहर अचानक ही राज्य में पीडीपी के साथ तीन साल पुराने सत्तारूढ़ गठबंधन खत्म कर दिया। बीते एक दशक में यह चौथी बार है जब राज्य में राज्यपाल शासन लगा है। जिसके बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राज्य के सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मीटिंग की है।