मुंबई: मुंबई और महाराष्ट्र के अनेक इलाकों में आज भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन के बीच औरंगाबाद में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद जिले में बिदकिन के निकट शिवनाई लेक में विसर्जन के दौरान 3 लोग डूब गए।
मंबई में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के आधिकारिक आवास में स्थापित प्रतिमा को कृत्रिम तालाब में विसर्जित किया गया। नासिक में मंत्री गिरीश महाजन वाद्य यंत्र बजाने वाली लेजिम मंडली में शामिल हो गए। वहीं शिव सेना सांसद चंद्रकांत खैरे औरंगाबाद शहर में गणपति विसर्जन के दौरान थिरकते दिखाई दिए। लेजिम राज्य का एक लोकनृत्य है इसका नाम एक वाद्य यंत्र के नाम पर रखा गया है।
औरंगाबाद में संस्थान गणपति प्रतिमा पर ड्रोन से पुष्पों की वर्षा की गई। मुंबई में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन की शुरुआत गणेश गली मंडल और लालबागचा राजा की गणेश प्रतिमाओं से की गयी। त्योहार के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु जुटे थे। यह गणेश उत्सव 25 अगस्त को शुरू हुआ और आज अनंत चतुर्दशी पर समाप्त हो रहा है।
मध्य मुंबई के लाल बागचा राजा पंडाल की गणेश प्रतिमा के विसर्जन से पहले अनेक भक्तों ने यहां मछुआरों के पारंपरिक कोली नृत्य का प्रदर्शन किया। सोलापुर में भक्तों ने गणेश मूर्तियों को अपने घरों से निकाला और उन्हें यहां सिद्धेर झील में विसर्जित कर दिया। गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन गणेश उत्सव के अंत का प्रतीक है। बाल गंगाधर तिलक ने लोगों में देशभक्ति और ब्रिटिश राज से लड़ने का जज्बा पैदा करने और इसके लिए लोगों को एकजुट करने के लिए इस उत्सव का प्रारंभ किया था।
पुलिस ने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित 7,600 गणेश प्रतिमाओं, जबकि घरों में स्थापित एक लाख से ज्यादा प्रतिमाओं को आज विसर्जित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि गणेश की छोटी प्रतिमाओं को पहले विसर्जति किया जाएगा, जबकि इसके बाद लालबागचा राजा जैसी बड़ी प्रतिमाओं को दक्षिण मुंबई में गिरगांव चौपाटी के करीब अरब सागर में विसर्जित किया जाएगा।
बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने बताया कि अपरान तीन बजे तक कम से कम 80 सार्वजनिक प्रतिमाओं और 3600 घरेलू प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया है। बीएमसी, पुलिस, तटरक्षक बल और नौसेना ने प्रतिमाओं का सुचारू एवं सुरक्षित विसर्जन सुनिश्चित करने के लिये विस्तृत व्यवस्था की है। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के प्रमुख स्थान गिरगांव चौपाटी, जुहू समुद्र तट, पवई झाील, दादर चौपाटी, मात जेटी और मलाड में इसके लिए उचित प्रबंध किये गये हैं।
बीएमसी ने भक्तों से किसी भी सहायता के लिए अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है। पुलिस ने विसर्जन वाले स्थानों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी और राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों को भी तैनात किया।