IMD 2021 Monsoon Season Update: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) शुक्रवार (16 अप्रैल) को सुबह 11.30 बजे एक वेबिनार के जरिए दक्षिण पश्चिम मानसून का पहला दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करेगा। विभाग मानसून से पहले दो बार अपने अनुमान जारी करता है, पहले अनुमान से एक तस्वीर साफ हो जाती है कि उस साल मानसून की देश में चाल क्या रहेगी। वहीं दूसरे अनुमान से मानसून को लेकर तस्वीर और ज्यादा साफ होती है।
पिछले 2 बार से भारत में सामान्य मानसून दर्ज किया गया है, जो कि आईएमडी के अनुमानों के मुताबिक था। इसी वजह से मौसम विभाग के शुक्रवार को जारी होने वाले मानसून के अनुमानों पर कृषि और इंडस्ट्री से लेकर सरकार की भी नजर रहेगी क्योंकि पिछली बार कोरोना कहर के बीच बेहतर मानसून की मदद से कृषि सेक्टर ही ऐसा सेक्टर था जिसमें ग्रोथ दर्ज की गई थी।
इस साल मानसून में सामान्य से बेहतर होगी बारिश, स्काइमेट वेदर का पूर्वानुमान
हाल ही में आए मौसम के अनुमान को जारी करने वाली निजी संस्था स्काइमेट ने इस बार देश में सामान्य बारिश होने का अनुमान जताया है। देश के 75 फीसद हिस्से में जून से लेकर सितंबर के बीच मानसून की अच्छी बारिश का अनुमान है। स्काईमेट का कहना है कि आगामी दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश सामान्य से अधिक होगी।
पूर्वानुमान के मुताबिक जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहने वाले मानसून सीजन में कुल 103 फीसद बारिश होगी। लेकिन उत्तरी क्षेत्र के मैदानी भागों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में पूरे सीजन में कम बारिश होने की आशंका है।
स्काईमेट के मुताबिक, इस साल जून महीने में 177 मिमी बारिश हो सकती है, जबकि जुलाई में 277, अगस्त में 258 और सितंबर में 197 मिमी बारिश होने की उम्मीद है। जून महीने में मानसून के शुरुआत में पूर्वी भारत और मध्य भारत में सामान्य रहेगा। जून के महीने में अच्छी शुरुआत होगी। इस महीने में बिहार, पश्चिम बंगाल में अच्छी बारिश की उम्मीद है।
मानसून लगाएगा हैट्रिक
गौरतलब है कि, अगर ऐसा होता है तो ये लगातार तीसरा साल होगा जब भारत में मानसून की अच्छी बारिश रहेगी। यह लगातार तीसरा साल होगा जब मानसून सामान्य या उससे अधिक रहेगा। इससे पहले भारत में वर्ष 1996 से 1998 तक लगातार सामान्य मानसून रहा। पिछले साल 2020 में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान सामान्य से 9 फीसद अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं 2019 में भी देश का दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य से 10 फीसद अधिक बारिश वाला रहा। मौसम एजेंसी ने आगे बताया कि पूरे मानसून के मौसम में हर महीने बारिश का अलग-अलग औसत होता है, जिसमें जून और सितंबर के महीने में बारिश का स्तर औसत से अधिक रह सकता है।