नयी दिल्ली/कोच्चि: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भारी बारिश की संभावना जताते हुए दक्षिण-मध्य केरल के पांच जिलों - तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पतनमतिट्टा, कोट्टायम और इडुक्की- के लिए 30 अक्टूबर से एक नवंबर तक 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है। आईएमडी ने कहा, '' केरल तट के पास 40-50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी जाती है।''
इस बीच, केरल में तमिलनाडु द्वारा संचालित मुल्लापेरियार बांध के ‘शटर’ (द्वार) शनिवार सुबह और उठा दिए गए क्योंकि जलाशय का जलस्तर बढ़कर 138.90 फुट हो गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि तीन ‘स्पिलवे शटर’ 70 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक उठाए गए और 1,675 क्यूसेक पानी नीचे की ओर छोड़ा जा रहा है। इससे पहले दिन में, केरल के जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टाइन ने तमिलनाडु के अधिकारियों से बांध से अधिक मात्रा में पानी निकालने का आग्रह किया क्योंकि उसके प्रवाह में कोई गिरावट नहीं आई है।
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चौथे दिन भी 'खराब'
दिल्ली में वायु गुणवत्ता शनिवार को लगातार चौथे दिन खराब रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाये जाने का दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में 12 प्रतिशत योगदान रहा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी 'सफर' के अनुसार, शुक्रवार को दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में खेतों में आग जलने की 1,800 से अधिक घटनाएं सामने आईं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 268 दर्ज किया गया।
बता दें कि, शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ''अच्छा'', 51 और 100 के बीच ''संतोषजनक'', 101 और 200 के बीच ''मध्यम'', 201 और 300 के बीच ''खराब'', 301 और 400 के बीच ''बहुत खराब'', तथा 401 और 500 के बीच ''गंभीर'' माना जाता है।
'सफर' ने कहा कि हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्वी दिशा में बदलने के कारण रविवार को वायु गुणवत्ता में सुधार के साथ इसके मध्यम श्रेणी में रहने की संभावना है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) पर उप-समिति ने गुरुवार को दिल्ली और एनसीआर में आने वाले अन्य राज्यों के अधिकारियों को जीआरएपी के तहत ''खराब'' से ''मध्यम'' एक्यूआई श्रेणी के तहत सूचीबद्ध कदमों के अलावा ''बहुत खराब'' श्रेणी के तहत उपायों को लागू करने का निर्देश दिया था। जीआरएपी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में प्रदूषण रोधी उपायों का एक समूह है, जो स्थिति की गंभीरता के अनुसार अक्टूबर के मध्य में तब लागू होता है, जब क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ना शुरू हो जाता है।