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उपराष्ट्रपति और RSS चीफ के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने की Twitter की 'तथ्यहीन' वजह, बवाल बढ़ा तो बैकफुट पर ट्विटर

ट्विटर ने शनिवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया और सोशल मीडिया पर संघ के शुभचिंतकों के रोष व्यक्त करने के बाद इसे बहाल कर दिया गया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : June 05, 2021 19:42 IST
उपराष्ट्रपति और RSS चीफ के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने की Twitter की 'तथ्यहीन' वजह, बवाल बढ़ा तो बैकफुट
Image Source : INDIA TV उपराष्ट्रपति और RSS चीफ के अकाउंट से ब्लू टिक हटाने की Twitter की 'तथ्यहीन' वजह, बवाल बढ़ा तो बैकफुट पर Twitter

नयी दिल्ली। ट्विटर ने शनिवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया और सोशल मीडिया पर संघ के शुभचिंतकों के रोष व्यक्त करने के बाद इसे बहाल कर दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली इकाई के पदाधिकारी राजीव तुली ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ‘‘यह ट्विटर द्वारा साफ तौर पर भेदभाव और प्रौद्योगिकी सामंतवाद का स्पष्ट उदाहरण है।’’ उन्होंने ऐसे कई ट्विटर अकाउंट का हवाला दिया जो निष्क्रिय है लेकिन उनका ब्लू टिक बरकरार है।

संघ के सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ भाजपा के मार्गदर्शक आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से जुड़े पांच अकाउंट से सत्यापन बैज ब्लू टिक को हटा लिया गया। बाद में भागवत, सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण गोपाल के अकाउंट के ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया। तुली ने कहा कि काफी मशक्कत के बाद इसे बहाल कर दिया गया। इससे पहले दिन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट के ब्लू टिक को हटा दिया गया और फिर उसे बहाल कर दिया गया। 

फॉलोअर बढ़े 

खास बात यह है कि ट्विटर की ओर से ब्लू टिक हटाने और वापस आने तक के बीच मोहन भागवत और वेंकैया नायडू को फॉलो करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के फॉलोअर्स की संख्या की बात करें तो ब्लू टिक हटाए जाने पर यह 207.9K के थे, जबकि ब्लू टिक वापस आने तक यह बढ़ा 214.3 K के पार पहुंच गई। इस तरह देखें तो भागवत को फॉलो करने वालों की संख्या में करीब 6 लाख 40 हजार का इजाफा हुआ। कुछ ऐसा ही वेंकैया नायडू के मामले में भी देखने को मिला। ब्लू टिक हटने पर नायडू के 1.2 मिलियन फॉलोअर थे। वहीं ब्लू टिक वापस आने पर यह संख्या बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई।

ब्लू टिक विवाद के बीच इंडिया टीवी में डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ट्विटर को भी भारत के संविधान के अंतर्गत हिंदुस्तान की भूमि में कार्यरत रहे। ट्विटर को भारत के संविधान को मानना पड़ेगा। ट्विटर की पॉलिसी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल के एक जवाब पर संबित पात्रा ने कहा कि कुछ सेलेक्टिव लोगों को टार्गेट करके ब्लू टिक हटाना ठीक नहीं है। नए आईटी नियमों का ट्विटर को पालन करना होगा। 

छह महीने तक निष्क्रिय रहने या अकाउंट अधूरा रहने के बाद ब्लू बैज हटाया गया : ट्विटर 

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के ब्लू टिक चिह्न हटाए जाने के बाद छिड़े विवाद में ट्विटर ने शनिवार को कहा कि अगर अकाउंट अधूरा है या छह महीने तक निष्क्रिय रहता है तो नियमों के तहत ब्लू बैज अपने आप हट जाता है। उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट पर ब्लू बैज को शनिवार की सुबह ट्विटर ने हटा दिया था और बाद में इसे बहाल कर दिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के निजी अकाउंट में भी ब्लू बैज नहीं था और इसे बाद में बहाल कर दिया गया। संघ की कई अन्य प्रमुख हस्तियों जैसे सुरेश जोशी और अरूण कुमार के साथ भी ऐसा ही हुआ। ट्विटर ने शनिवार को कहा कि इसकी सत्यापन नीति के तहत अगर अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है या अधूरा है तो माइक्रोब्लॉगिंग मंच स्वत: ब्लू बैज को हटा देता है।

ट्विटर ने कहा, ‘‘निष्क्रियता लॉग इन से संबद्ध है। अकाउंट को सक्रिय रखने के लिए व्यक्ति को छह महीने में कम से कम एक बार लॉग इन करना जरूरी है।’’ नियमों के तहत अकाउंट वाले लोगों को सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका प्रोफाइल पूर्ण है और उसमें या तो सत्यापित ई-मेल या फोन नंबर के साथ ही प्रोफाइल फोटो और नाम शामिल हो। बहरहाल, ट्विटर नियमों के तहत अकाउंट का ब्यौरा या नंबर खुलासा नहीं करता है। ‘‘ब्लू बैज’’ से अकाउंट की प्रामाणिकता का पता चलता है।

सरकार ने ट्विटर को नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया 

सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहती है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवा देगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर ने एक ऐसा तंत्र विकसित करने से इनकार कर दिया है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से उचित प्रक्रिया के जरिये हल में मदद मिलती।’’

मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिये नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है।

 

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