चेन्नई: ऐसे समय में जब हर कोई कोरोनावायरस के कारण तनाव में है, तब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IITM) की एक छात्रा ने एक बस में अपने सह-यात्रियों के साथ प्रैंक खेलकर उन्हें डरा दिया। अधिकारी ने बताया कि आईआईटी-एम की छात्रा के इस प्रैंक ने तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग को भी आपात स्थिति में डाल दिया।
सार्वजनिक स्वास्थ्य और बचाव चिकित्सा संचालनालय के संयुक्त निदेशक (महामारी), पी. संपत ने बताया, "ऐसा लगता है कि आज (शनिवार) उस स्टूडेंट का जन्मदिन है और जन्मदिन मनाने के बाद वह कोयंबटूर जाने वाली निजी बस में सवार हुई। उसके दोस्त कार से बस के पीछे चल रहे थे।"
संपत ने कहा, "उस छात्रा ने अपने सह-यात्री को बताया कि वह तीन दिन पहले कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई है। इससे उसके सह-यात्री समेत बाकी अन्य यात्री डर गए। उस व्यक्ति ने मुझे तुरंत कॉल कर उस छात्रा के बारे में बताया।" इसके बाद वह लड़की ड्राइवर के पास गई और उसने बस रोकने के लिए कहा। ड्राइवर के मना करने पर छात्रा ने बस में सभी यात्रियों से कहा कि उसका कोविड-19 परीक्षण पॉजीटिव आया है।
इसके बाद बस को तत्काल रोक दिया गया, लड़की बस से उतरकर अपने दोस्तों के साथ कार में बैठ गई। इसी बीच यात्रियों ने कोरोनावायरस के लिए बनी हेल्पलाइन को कॉल किया और ट्रैवल कंपनी से दूसरी बस भेजने के लिए कहा।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बस की सफाई की। संपत ने कहा, "लड़की की टिकट बुकिंग डिटेल्स के जरिए उसका फोन नंबर निकाला गया और उसे स्वास्थ्य विभाग आने के लिए कहा गया। ऐसा न करने पर उसके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करने की बात कही गई।" इसके बाद लड़की ऑफिस आई और उसने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर प्रैंक खेल रही थी। उसने चुनौती ली थी कि वह कोरोनावायरस मरीज बनकर बस रोकेगी।
संपत ने बताया कि लड़की को कड़ी चेतावनी देकर वापस भेज दिया गया है। उसे शायद आईआईटी-एम के अधिकारियों ने भी चेतावनी दी है। यह पहला प्रैंक कॉल है, जो हमें मिला है। यह आश्चर्यजनक बात है कि आईआईटी-एम की पीएचडी की छात्रा ने ऐसा किया।