नई दिल्ली: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित करना बंद कर दे तो हम उससे भी बातचीत करने के लिए तैयार हैं। राजनाथ सिंह आतंकवाद पर इंडिया टीवी के मेगा कॉन्क्लेव 'वंदे मातरम्' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या का स्थाई समाधान हम निकालेंगे और वो क्या होगा और कैसे होगा, उसे स्पष्ट कर पाने की स्थिति में फिलहाल नहीं हूं। देश हित में इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर की अपनी पहचान बनी रहनी चाहिए। कुछ ऐसी ताकतें हैं जो पाकिस्तान की शह पर उन नौजवानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। कुछ बच्चे सही रास्ते पर आए हैं। बाकी भी मुख्यधारा में लौट आएंगे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भले ही कुछ लोगों का सहयोग नहीं मिल रहा है लेकिन धीरे-धीरे सभी लोग साथ आ जाएंगे। वहीं महबूबा मुफ्ती से किसी तरह की नारजगी के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने किसी तरह की नाराजगी नहीं जताई है। जब-जब मैं कश्मीर में गया हूं मैंने खुलकर कहा कि मैं सभी से मिलना चाहता हूं। मैंने कभी किसी से बातचीत पर पाबंदी नहीं लगाई। बातचीत के लिए हमने दरवाजा कभी बंद नहीं रखा। अटलजी कहते थे दोस्त बदल जाते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदला जा सकता।राजनाथ सिंह ने भरोसा जताया कि हिंदुस्तान से आतंकवाद का सफाया होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अगर यह भरोसा देता है कि वह आतंकवाद को प्रायोजित नहीं देगा तो उससे भी बातचीत की जा सकती है। मैं आश्वस्त हूं कि आज अगर पाकिस्तान नहीं सुधर रहा है तो कल जरूर सुधरेगा।
भारत में आतंकवाद पाकिस्तान के द्वारा प्रायोजित है। सेना ने आतंकवाद का सफाया करने में जुटी हुई है और काफी हद तक हमें सफलता भी मिली है। नक्सवाद को लेकर पिछले तीन साल में हमने काफी सफलता हासिल की है। नक्सलवाद के प्रभाव में 40 से 42 फीसदी की कमी आई है। देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए उग्रवाद भी बड़ी चुनौती है। तीन साल में 75 फीसदी से अधिक कामयाबी नॉर्थ-ईस्ट के आतंकवाद पर काबू पाया गया है।
कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को लेकर कश्मीर में सरकार बनने के बाद ही उस समय के सीएम मुफ्ती साहब से बात हुई थी। उस समय मुफ्ती साहब भी सहमत थे।इसी बीच अशांति का सिलसिला शुरू हुआ जिसकी वजह से ये चीजें रुकी हुई हैं। उनका एक आग्रह था कि अलग से कॉलोनी मत बनाइए। कुछ निश्चित प्रतिशत अन्य लोगों की आबादी भी वहां रहे और हमलोग पूरी कोशिश में है।
भारत में ISIS के खतरे के संदर्भ पूछे गए एक सवाल के जवाब में राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में ISIS का ऐसा कोई प्रभाव नहीं है। यह हमारे लिए कोई मेजर चैलेंज नहीं है। हमारी पूरी नजर है। भारत के अंदर आईएस पांव नहीं जमा सकता है। कई परिवारों के माता-पिता ने मुझसे मिल कर आग्रह किया। मुस्लिम समाज आईएस को भारत में पांव नहीं जमाने देगा।