चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों के प्रदर्शन पर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर दबाव बनाते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अगर इस मुद्दे पर वह जननायक जनता पार्टी (जजपा) का समर्थन भाजपा से वापस लेने को तैयार नहीं हैं तो उनकी पार्टी के विधायकों को एक नया नेता चुनना चाहिए और सरकार छोड़ देनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि चौटाला को “भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत करने के नाटक के पीछे नहीं छिपना चाहिए और इसके बजाए खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने और उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिये आगे आना चाहिए।”
किसानों के प्रदर्शन के संदर्भ में उन्होंने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ 62 करोड़ किसानों की नहीं बल्कि देश के सभी 130 करोड़ लोगों की है। इसलिये जनता के हित में और किसानों के आंदोलन की सफलता के लिये मैं जजपा और उसके विधायकों का आह्वान करता हूं कि भाजपा सरकार से तत्काल अपना समर्थन वापस लें।” सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में कहा, “दुष्यंत चौटाला अगर भाजपा का साथ छोड़ने के लिये तैयार नहीं हैं तो जजपा विधायकों को नया नेता चुनने के लिये और किसानों के आंदोलन के समर्थन में खट्टर सरकार से समर्थन वापस लेने के लिये बैठक बुलानी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि अगर वे ऐसा करने में नाकाम रहते हैं तो हरियाणा के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे और “किसानों से धोखे का दोषी” मानेंगे। चौटाला ने शनिवार को कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र और किसान संघों के बीच अगले 24-48 घंटे में अगले दौर की वार्ता होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से नयी दिल्ली में मुलाकात के बाद चौटाला ने कहा था कि जब तक वह प्रदेश सरकार का हिस्सा हैं, सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर प्रत्येक किसान से फसल की खरीद सुनिश्चित की जाएगी।
चौटाला ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और खाद्य, रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी शनिवार को मुलाकात की थी और कहा था कि हरियाणा सरकार अभी स्थिर है। विपक्ष और हरियाणा के कुछ किसान नेताओं द्वारा खट्टर सरकार से समर्थन वापसी के लिये दिये जा रहे दबाव के बीच बृहस्पतिवार को यहां प्रदेश सरकार की एक अनौपचारिक बैठक के बाद कहा था कि अगर एमएसपी व्यवस्था में बदलाव हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। सुरजेवाला ने दावा किया कि चौटाला के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने का समय नहीं है जो “उनकी विचित्र प्राथमिकताओं” को दर्शाता है।