नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि नियामक ने भारतीय आयुर्विज्ञान शोध परिषद (आईसीएमआर) के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें उसने कोविड-19 के मरीजों को स्वास्थ्य के लिए लाभकारी प्लाज्मा के नैदानिक परीक्षण की इजाजत मांगी थी। भारत के औषधि महानियंत्रक ने कहा कि आईसीएमआर ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को उन संस्थानों की सूची सौंपी थी, जिन्होंने इस परीक्षण में रुचि दिखाई थी और वे स्वास्थ्य शोध निकाय के परामर्श से ऐसा कर सकते हैं।
केंद्रीय औषधि नियामक ने एक नोटिस में कहा कि यह सूचित किया जाता है कि लोकहित में नैदानिक परीक्षण करने के आईसीएमआर के प्रस्ताव पर 13 अप्रैल को विषय विशेषज्ञों की समिति की बैठक में चर्चा की गई और कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए त्वरित मंजूरी प्रक्रिया को अपनाया गया। इसमें कहा गया कि औषधि और नियामक परीक्षण नियम, 2019 के नियमों और मानकों के तहत कुछ मानकों और संशोधनों के साथ सीडीएससीओ ने नैदानिक परीक्षण के लिए अपनी अनापत्ति से अवगत कराया है।
नोटिस में रेखांकित किया गया कि आईसीएमआर ने स्वास्थ्य लाभकारी प्लाज्मा के साथ नियंत्रित नैदानिक परीक्षण के लिए एक प्रोटोकॉल विकसित किया है और समिति ने इसकी समीक्षा की और वही आवेदकों द्वारा भी उपयुक्त माने जा सकते हैं। स्वास्थ्य लाभकारी प्लाज्मा थैरेपी में कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों के खून से एंटीबॉडीज लेकर उनका इस्तेमाल गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाएगा।
इस अध्ययन का उद्देश्य कोविड-19 के मरीजों की परेशानियों को सीमित करने में प्लाज्मा के प्रभाव का आकलन करना और कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज में एंटी एसएआरएस-सीओवी-2 प्लाज्मा से इलाज के सुरक्षित होने का आकलन करना है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अबतक 480 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि शनिवार को संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 14,378 हो चुकी है।
फिलहाल कोविड-19 के लिये कोई मान्य इलाज नहीं है। आईसीएमआर ने कहा कि दुनियाभर में इलाज की विभिन्न रणनीतियों के आकलन और प्रभाव की जांच के लिए कई परीक्षण हो रहे हैं। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाल ही में कोविड-19 संक्रमण से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए इस बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा से इलाज को मंजूरी दी थी। एक छोटी श्रृंखला में कोरोना वायरस से बुरी तरह संक्रमित पांच मरीजों में प्लाज्मा चढ़ाया गया और इसके बाद उनकी सेहत में सुधार दिखा। इनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। अध्ययन में पाया गया कि इनमें से तीन को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है जबकि दो अन्य की हालत स्थिर है।
आईसीएमआर ने कहा कि ऐसे ही एक अन्य मामले में एक गर्भवती महिला समेत चार मरीजों पर इस परीक्षण को देखा गया और पाया गया कि बाद में इन सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। स्वास्थ्य लाभकारी प्लाज्मा थैरेपी के ऐसे ही एक अन्य व्यवहार्यता अध्ययन में गंभीर रूप से बीमार 10 लोगों में 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया गया और तीन दिनों में उनके नैदानिक लक्षणों में त्वरित सुधार दिखा।