नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के एक बार फिर बढ़ते मामलों को लेकर जहां नए-नए स्वरूप (वैरिएंट) को मुख्य वजह माना जा रहा है वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ.बलराम भार्गव ने सोमवार को तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। डॉक्टर बलराम भार्गव ने पहले की तुलना में इस बार के कोरोना वायरस संक्रमण को कम खतरनाक बताया है।
इस वेव में ऑक्सीजन की ज़्यादा आवश्यकता पाई गई- डॉ. भार्गव
डॉ.बलराम भार्गव ने कहा कि इस वेव में ऑक्सीजन की ज़्यादा आवश्यकता पाई गई। लोगों में सांस की दिक्कत ज़्यादा पाई गई है। दोनों वेव में मृत्यु दर में कोई अंतर नहीं देखा गया है। दोनों ही वेव में 70 प्रतिशत लोग 40 की उम्र के थे। आरटी-पीसीआर टेस्ट गोल्ड स्टैंडर्ड है, हम दो या अधिक जीन नापते हैं जिससे टेस्ट में कुछ भी मिस न हो। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, 'स्पष्ट तौर पर इस बार लक्षण कम हैं। जैसा की मैंने कहा था कि जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गंध न महसूस करना, गले में खराश जैसे लक्षण इस बार पहले की तुलना में कम दिख रहे हैं। हालांकि सांस लेने में कठिनाई इस बार अधिक देखी जा रही है।'
डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में 54.5 फीसदी ऑक्सीजन का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि पिछली लहर में यहा 41.1 फीसदी था। वेंटिलेटर का इस्तेमाल 27 फीसदी है, जबकि पहले यह 37 फीसदी था।
इन कारणों के कारण तेजी से फैल रहा कोरोना वायरस
साथ ही आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना के तेजी से फैलने को लेकर तीन मुख्य वजहें बताई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर शिथिलता, कोविड अनुचित व्यवहार और विभिन्न अज्ञात उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) के कारण कोरोना की देश में दूसरी लहर काफी तेज हो गई है। डॉ. भार्गव ने कहा कि कोरोना को लेकर ढिलाई देखने को मिली है। साथ ही ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के कोरोना वायरस म्यूटेंट भी चिंता का विषय हैं। डॉ. भार्गव ने बताया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट गोल्ड स्टैंडर्ड है। इसमें दो या उससे अधिक जीन की जांच होती है। ऐसे में कोरोना वायरस के किसी भी म्यूटेंट का बचना संभव नहीं है।
क्या है डबल म्यूटेंट और इसके लक्षण?
डॉ. भार्गव ने कहा कि भारत में कोरोना का डबल म्यूटेंट वैरिएंट मिला है। हालांकि, अब तक यह सामने आया है कि वह ज्यादा संक्रामक नहीं है। फिलहाल, वर्तमान लक्षणों को देखते हैं तो वे ज्यादा गंभीर नहीं हैं। कोरोना की दूसरी लहर में सांस फूलने के मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं, जबकि इससे पहले की कोरोना लहर में सूखी खांसी, जोड़ों में दर्द और सिर दर्द जैसे लक्षण सामने आ रहे थे।
(इनपुट- ANI)