नई दिल्ली: पाकिस्तानी एयरफोर्स ने बुधवार को कश्मीर में भारतीय ठिकानों पर हमले की नाकाम कोशिश की। भारतीय वायुसेना ने भी जवाबी कार्रवाई में पाक के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया लेकिन देश का एक मिग-21 जेट भी क्रैश हो गया और एक पायलट पाकिस्तान के कब्जे में आ गया। अब पायलट को वापस सुरक्षित लाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहल हो रही है। भारत ने पाकिस्तान को भी सख्त लहजे में जिनेवा कन्वेंशन और International Humanitarian Law के तहत बर्ताव करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर उसे इसका खामियाजा भुगतने की भी चेतावनी दी गई है।
जिनेवा कन्वेंशन के मुताबिक पाकिस्तान को भारतीय पायलट की उचित देखरेख करनी होगी। इस संधि के तहत पायलट का इलाज, खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें देनी होगी। पाकिस्तान हमारे पायलट के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं कर सकता और उसे डराया-धमकाया भी नहीं जा सकता। यहां तक की उनकी जाति, धर्म, जन्म जैसी बातों के बारे में नहीं पूछा जा सकता।
यही नहीं बर्बर व्यवहार नहीं किया जा सकता। किसी भी तरह का भेदभाव नहीं हो सकता। सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान को हर हाल में उसे भारत को लौटाना पड़ेगा।
जेनेवा कन्वेंशन से जुड़ी मुख्य बातें
- इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है
- संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है
- इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता
- किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है (फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष)
- संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता
- युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता
भारत ने मंगलवार को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकी शिविरों पर बम बरसाए थे। उससे खीझी हुई पाकिस्तानी वायुसेना ने बुधवार को भारत में अपने लड़ाकू विमान भेजे। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एक विमान एफ-16 को मार गिराया। हालांकि इस दौरान भारत का एक लड़ाकू विमान मिग-21 नष्ट हो गया, जिसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में हैं। घायल पायलट का इलाज कराया जा रहा है।
अभिनंदन को युद्धबंदी (पीओडब्लू) मानकर उन पर जिनेवा समझौता के नियम तत्काल लागू हो गये। कारगिल युद्ध में भी भारतीय पायलट नचिकेता को जिनेवा संधि के तहत छोड़ना पड़ा था। जबकि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को भारत ने युद्धबंदी बना लिया था। जिन्हें बाद में सुरक्षित छोड़ दिया गया था।