नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच बढ़ते गतिरोध को लेकर भारतीय सेनाओं ने पूरी तरह से कमर कस ली है। चीनी सैन्य आक्रामकता को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेनाओं ने पीएम मोदी के लेह-लद्दाख दौरे के बाद से तैयारियां काफी तेज कर दी हैं। आज शनिवार (4 जुलाई) को एक फॉरवर्ड एयरबेस पर Su-30MKI और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमान समेत अपाचे हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी।
भारत-चीन सीमा के पास एक फॉरवर्ड एयरबेस पर भारतीय वायु सेना (IAF) के अपाचे हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी। साथ ही यहां भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30MKI और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमान भी उड़ान भरते नजर आए। बता दें कि, सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस से लैस सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमान भारतीय सीमा की रक्षा करने के साथ ही चीन-पाक के किसी भी आक्रामकता का पलभर में जवाब देने में सक्षम है। इतना ही नहीं, ब्रह्मोस किसी एयरक्राफ्ट कैरियर को भी पल भर में तबाह कर सकता है।
भारत-चीन सीमा के पास फॉरवर्ड एयरबेस पर उड़ाने भर रहे वायुसेना के एक विंग कमांडर ने बताया, "हमारे पास सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए संसाधन हैं। भारतीय वायुसेना ऑपरेशनल टास्क करने के लिए सभी तरह से तैयार है। एयरफोर्स हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से ट्रेन्ड और सक्षम हैं, हमारा जोश हाई है।" स्क्वाड्रन लीडर ने आगे बताया कि इस एयरबेस पर और पूरी वायुसेना में हर एयर वॉरियर पूरी तरह से प्रशिक्षित है और सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
बता दें कि, पूर्वी लद्दाख में 15-16 जून की रात 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दोनों देशों के बीच 3 बार कमांडर लेवल की बातचीत हुई है लेकिन अभी तक चीन अप्रैल वाली स्थिति में जाने के लिए तैयार नहीं हुआ है। भारत लगातार चीन से अप्रैल वाली पोजिशन पर जाने को कह रहा है। 3 जुलाई को अचानक से पीएम मोदी ने लेह-लद्दाख का दौरा कर चीन को कड़ा संदेश दिया है।
बता दें कि, जुलाई के आखिरी में 6 राफेल लड़ाकू विमान की खेप भी भारतीय वायुसेना में शामिल हो जाएगी। राफेल को पांचवीं पीढ़ी का सबसे खतरनाक हवाई योद्धा माना जाता है। राफेल की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये रेडार की पकड़ में आए बिना सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों को पलक झपकते ही तबाह कर सकता है।
इधर, दक्षिणी चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिकी नौसेना दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हुए 'ड्यूल कैरियर ऑपरेशन' और अभ्यास कर रही है। भारत और चीन के बीच लद्दाख में महीनों से चल रहे सीमा गतिरोध के बीच अमेरिकी नौसेना का यह अभ्यास दर्शाता है कि वह भारत के साथ है। यूएस नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर शॉन ब्रोफी ने कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत महासागर के समर्थन में है।
अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन इस इलाके में ड्यूअल कैरियर ऑपरेशन संचालित कर रहे हैं। रोनल्ड रीगन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के लिए 'एक्रीडीशन इन पब्लिक रिलेशन एंड मिलिट्री पब्लिक अफेयर्स' अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर शॉन ब्रोफी ने कहा, यूएसएस निमित्ज (सीवीएन 68) और यूएसएस रोनल्ड रीगन (सीवीएन 76) दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हुए अभ्यास कर रही है।