इटानगर/ नयी दिल्ली: वायु सेना के लापता परिवहन विमान की तलाश के लिए लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी अभियान जारी रहा। अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में सुदूरवर्ती मेंचुका पर्वत पर अभियान चलाया गया। रूस में बने एएन-32 विमान का असम में जोरहाट से रवाना के बाद सोमवार दोपहर संपर्क टूट गया। चीन से लगी सीमा के पास मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए यह विमान निकला था।
वायु सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि लापता विमान की तलाश के अभियान में तीसरे दिन दो सुखोई-30 विमानों को भी लगाया गया। इसके अलावा सी-130 जे और एएन 32 विमानों और दो मिग-17 तथा एएलएच के दो हेलिकॉप्टरों की भी सेवाएं ली जा रही है। सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और राज्य पुलिस के कर्मी भी जमीन पर अभियान में जुटे हुए हैं।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि बचाव कर्मियों को लापता विमान में आपात लोकेटर बिकन से कोई सिग्नल नहीं मिला है। ऐसी आशंका है कि उपकरण शायद काम नहीं कर रहा होगा। उन्होंने बताया कि लापता हुआ विमान नवीनतम वैमानिकी और रडारों के साथ अपग्रेड नहीं हुआ था, हालांकि कुछ ए एन-32 विमानों में अत्याधुनिक प्रणाली है।
वायु सेना के अधिकारियों ने बताया कि विमान की तलाश में जुटे बचावकर्मियों की मदद के लिए इसरो के कार्टोसेट और रिसैट उपग्रहों से मेंचुका के आसपास के इलाके की तस्वीरें ली जा रही है। उन्होंने बताया कि जंगल और दुर्गम घाटी होने के कारण बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण है।
वायुसेना ने सोमवार को कहा था कि मेंचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए जोरहाट से इस विमान ने दिन में 12 बजकर 27 मिनट पर उड़ान भरी थी और एक बजे इससे आखिरी बार संपर्क हुआ था।