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बालाकोट में पुलवामा हमले का जश्न मनाने जुटे थे आतंकी, IAF ने पल भर में सभी को कर दिया खाक

बालाकोट शिविर जैशे मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों का एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षिण शिविर था और इसमें प्रशिक्षण लेने वाले आतंकवादियों के रहने और उनके प्रशिक्षिण के लिए सुविधाएं थीं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 27, 2019 10:48 IST
बालाकोट में पुलवामा हमले का जश्न मनाने जुटे थे आतंकी, IAF ने पल भर में सभी को कर दिया खाक
बालाकोट में पुलवामा हमले का जश्न मनाने जुटे थे आतंकी, IAF ने पल भर में सभी को कर दिया खाक

नई दिल्ली: सोमवार को पाकिस्तान के बालाकोट में भारत की एयर स्ट्राइक से पहले जैश के तीन सौ से चार सौ आतंकी जश्न मनाने के लिए आए थे। ये आतंकी पुलवामा में हुए हमले का जश्न मनाने के लिए जुटे थे। बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद का सबसे बड़ा ट्रेनिंग कैंप था या कहें कि ये जैश के आतंकियों की ऐशगाह थी। सोमवार को वहां जैश के 25 टॉप कमांडर जमा हुए थे। इसके अलावा करीब तीन सौ से चार सौ आतंकी भी वहां जमा थे। भारतीय वायुसेना ने खुफिया सूचना पर इस कैंप पर एयर स्ट्राइक की और उसके 400 आतंकी पल भर में खाक हो गए।

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बता दें कि भारत ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान में जैशे मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर हवाई हमला किया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह के प्रशिक्षक मारे गए जो भारत में आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहे थे। भारतीय वायुसेना ने इस हमले के लिए न सिर्फ 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया बल्कि सुखोई 30 लड़ाकू विमानों, हवा में उड़ान भरते समय विमान में ईंधन भरने वाले एक विशेष विमान और दो एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एडब्ल्यूएसीएस) ने भी मिराज की पूरी मदद की। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना के सभी ठिकानों को अधिकतम अलर्ट पर रखा गया है ताकि इस्लामाबाद की ओर से किसी तरह का पलटवार किए जाने की स्थिति से निपटा जा सके। साल 1971 के युद्ध के बाद भारतीय वायुसेना ने पहली बार पाकिस्तान के भीतर ऐसी कार्रवाई की है।

बालाकोट स्थित जैशे मोहम्मद का आतंकवादी शिविर पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में कुन्हर नदी के किनारे स्थित था और इसका इस्तेमाल हिजबुल आतंकवादी समूह द्वारा भी किया गया था। बालाकोट शिविर जैशे मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों का एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षिण शिविर था और इसमें प्रशिक्षण लेने वाले आतंकवादियों के रहने और उनके प्रशिक्षिण के लिए सुविधाएं थीं। सूत्रों ने कहा कि कुन्हर नदी के किनारे स्थित बालाकोट शिविर जलीय प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराता था और वहां सैकड़ों आतंकवादी रहते थे।

बालाकोट नगर से 20 किलोमीटर दूर स्थित इस शिविर का इस्तेमाल युद्ध प्रशिक्षिण के लिए किया जाता था और उसके प्रशिक्षक पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी थे। कई मौकों पर जैशे मोहम्मद संस्थापक एवं आतंकवादी षड्यंत्रकर्ता मसूद अजहर और अन्य आतंकवादी नेताओं द्वारा भड़काऊ भाषण दिये गए थे। सूत्रों ने कहा कि मसूद अजहर के रिश्तेदारों और काडरों को बालाकोट में उन्नत हथियारों और रणनीति में प्रशिक्षित किया गया था और जैशे मोहम्मद की स्थापना से पहले इस शिविर का इस्तेमाल हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा भी किया गया था।

बालाकोट शिविर में आतंकवादियों को हथियारों, विस्फोटकों और रणक्षेत्र रणनीति, सुरक्षा बलों के काफिले पर हमला, आईईडी बनाने और लगाने, आत्मघाती बम विस्फोट करने, आत्मघाती हमले और उच्च ऊंचाई एवं अत्यधिक तनाव की स्थितियों में जीवित रहने के लिए रणनीति का प्रशिक्षिण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि जैशे मोहम्मद फिदायीन हमलों में माहिर है और ये धार्मिक और वैचारिक ब्रेनवॉश को महत्व देता है।

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